मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उन हॉकफोर्स और पुलिस के जांबाजों का उत्साह वर्धन किए और उन्हें क्रम से पूर्व प्रमोशन दिए अभी एक माह भी पूरा नहीं बीता है, जिन्होंने नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने की दिशा में बड़ा पराक्रम दिखाया है कि एक बार फिर इन जवानों ने नक्सलियों के उन कमांडर को मार गिराया जिसके सिर 14 लाख रुपए का इनाम था। मध्य प्रदेश के बालाघाट में पुलिस और नक्सली के बीच हुई मुठभेड़ में नक्सली उकास सोहन को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है।
दरअसल, इसे आप मध्य प्रदेश पुलिस की बड़ी उपलब्धि इसलिए भी कहेंगे क्योंकि पिछले कुछ समय में जिस तरह से नक्सलियों पर हॉकफोर्स और पुलिस के जवान अटैक कर रहे हैं, उसने इन नक्सलियों के बिछाए पूरे तंत्र को छिन्न-भिन्न कर दिया और इनकी कमर तोड़ कर रख दी है। कहना होगा कि इस सफलता के साथ ही राज्य में पिछले पांच वर्षों के दौरान 20 बड़े नक्सलियों को मार गिराया गया। जिन पर विभिन्न प्रदेशों में तीन करोड़ 24 लाख रुपये के ईनाम घोषित थे।
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ताजा घटनाक्रम के बारे में बालाघाट के पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने जानकारी दी कि राज्य के बालाघाट जिले में हट्टा थाना अंतर्गत कोठियाटोला सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए एक्सचेंज ऑफ फायर में 14 लाख का इनामी नक्सली उकास सोहन को सुरक्षाबलों के जवानों ने ढेर कर दिया। उनका कहना है कि पुलिस ने जब इस नक्सली की घेराबंदी की तब उसने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जिसके बाद जवाबी फायरिंग में नक्सली मारा गया। यह नक्सली छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बीजापुर का रहने वाला था। पुलिस का अभी सर्च अभियान चल रहा है, यहां से अन्य नक्सलियों को भी पकड़े जाने की संभावना है।
इस संबंध में नक्सल विरोधी अभियान के एडीजी एएनओ जयदीप प्रसाद ने बताया कि नक्सली उकास मोहन के पास से कई हथियार बरामद हुए हैं। उसके पास एक बहुत ही अत्याधुनिक वायरलेस भी मिला है, जो कि केनवुड कंपनी का है, जिसका कि इस्तेमाल जंगल में अपने अन्य साथियों के साथ संपर्क बनाने के लिए ये नक्सली उकास मोहन करता था। फिलहाल इसके एनकाउंटर के बाद बालाघाट जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मप्र में नक्सलियों पर पुलिस के कड़े प्रहार से जुड़े आंकड़ों को देखें तो 32 वर्षों में पहली बार इस साल की 01 अप्रैल को की गई फोर्स की जवाबी कार्रवाई के दौरान दो हार्डकोर नक्सली मारे गये थे, जिनके पास एके-47 रायफल जैसे अत्याधुनिक घातक हथियार मिले थे। दोनों नक्सलियों के शव 02 अप्रैल को सुबह सर्चिंग के दौरान बरामद किए गए थे। इनकी पहचान सजंती उर्फ क्रांति और रघु उर्फ शेर सिंह के रूप में हुई।
इस दौरान पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में कई नक्सलियों के घायल होने की जानकारी भी सामने आई थी। वहीं, घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का वक्तव्य भी सामने आया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘29 लाख रुपए के इनामी डिविजनल कमांडर को मारा जाना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। दूसरा, 14 लाख के इनामी नक्सली को मारना मध्य प्रदेश पुलिस की सजगता को दर्शाता है। प्रदेश में हम नक्सलाइट मूवमेंट को कहीं भी पनपने नहीं देंगे। जब तक नक्सलियों का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता, इस प्रकार की कार्रवाइयां होती रहेंगी।’ इससे पहले पिछले साल दिसंबर 2023 में इसी बालाघाट जिले में 01 नक्सली को मार गिराने में फोर्स को बड़ी कामयाबी मिली थी। मारे गए इस नक्सली के पास से भी हथियार एवं अन्य नक्सली साहित्य व सामग्री बरामद हुए थे।
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कुल मिलाकर पिछले पांच वर्षों में मप्र पुलिस के जवानों ने पांच बड़े नक्सलियों को जिंदा पकड़ने में जहां सफलता पाई, वहीं, 20 का एनकाउंटर भी कर दिया। यही कारण है इस वक्त मध्य प्रदेश में नक्सली सबसे ज्यादा भयभीत हैं। हालांकि, अभी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई समाप्त नहीं हुई है, किंतु लगातार की कार्रवाई से ये कमजोर जरूर हुए हैं। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का इस संबंध में कहना यही है कि पांच वर्ष पहले प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस के 20 कैंप थे, अब 43 हैं। आज यहां बालाघाट में ही 18 कैंप संचालित हैं, जिसका सीधा असर नक्सल समस्या के उन्मूलन के तौर पर देखा जा सकता है । इन कैंपों के माध्यम से पुलिस नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित कर रही है।
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