फ्रांस में संसदीय चुनाव के लिए दूसरे चरण के लिए रविवार को वोटिंग हुई। इसमें सुदूर दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। चुनाव के दूसरे चरण में बड़ा उलटफेर करते हुए वामपंथियों ने बढ़त बना ली है। दूसरे चरण के मतदान में पहले स्थान पर रही नेशनल रैली खिसक कर तीसरे स्थान पर आ गई है।
चुनावी एक्जिट पोल्स के मुताबिक, इस चुनाव में सुदूर दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली को 138-145 सीटें मिलती दिख रही हैं। जबकि फ्रांस नेशनल असेंबली की 577 सीटों में बहुमत का आंकड़ा 289 सीटों का है।
ऐसे में नेशनल रैली बहुत पीछे हो गई है। शुरुआती रुज्ञानों मेंवामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट को 172-192, राष्ट्रपति मैक्रों के गठबंधन को 150-170 मिलता दिख रहा है। अगर एग्जिट पोल्स के नतीजे खरे उतरते हैं तो फ्रांस में उदारवाद के बाद नए युग की शुरुआत होने जा रही है। वहां अब वामपंथ का शासन होगा।
गौरतलब है कि फ्रांस के चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ है। भले ही वामपंथी सबसे आगे हैं, लेकिन वे अभी भी बहुमत से कोसों दूर हैं। उन्हें सरकार बनाने के लिए दक्षिणपंथी आरएन पार्टी या फिर मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी के साथ गठबंधन करना होगा। जिसका मतलब है कि फ्रांस के लिए आने वाले दिन उथल-पुथल भरे हैं।
इस बीच फ्रांस के प्रधानमंत्री गैब्रिएल अट्टल ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि अगर उनके इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया जाता है तो वे अपना उत्तराधिकारी नियुक्त होने तक यानि कि नए प्रधानमंत्री के चयन तक अपने पद पर बने रहेंगे।
गौरतलब है कि फ्रांस में 30 जून को हुए नेशनल असेंबली के पहले चरण के मतदान के दौरान सुदूर दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली ने बड़ी जीत हासिल करते हुए पहले स्थान पर रही थी। वहीं वामपंथी एनएफपी गठबंधन दूसरे स्थान पर था, जबकि इस बार वामपंथी पहले और मैक्रों की पार्टी दूसरे स्थान पर आ गई है। मतदान फर्मों की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल रैली (RN) को पहले चरण में 34.5 फीसदी वोट मिले थे, जबकि वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट को 28.5-29.1 फीसदी वोट मिले थे। वहीं मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी को केवल 20.5-21.5 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया था।
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