राहुल गांधी ने पिछले दिनों संसद में अयोध्या को लेकर झूठ बोला था। उन्होंने अयोध्या में विस्थापितों को मुआवजा न मिलने का आरोप लगाया था। यह भी कहा था कि पीएम मोदी ने अयोध्या के लोगों के दिलों में डर पैदा किया और फिर मंदिर के उद्घाटन में भी नहीं बुलाया। यूपी सरकार की ओर से राहुल के बयान को निंदनीय और झूठा बताया गया था। इससे पहले भी वह अयोध्या को लेकर झूठ बोलते रहे हैं। अग्निवीर वाले मुद्दे पर भी उन्होंने झूठ बोला था, जिस पर सेना की ओर से खंडन भी आया था। आज गुजरात के अहमदाबाद में राहुल गांधी ने फिर झूठ बोला।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बोले कि उन्होंने(अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने) कहा राहुल जी मुझे पता लग गया था कि मैं अयोध्या से चुनाव लड़ने वाला हूं और जीतने भी वाला हूं। उन्होंने कहा, मुझे अयोध्या के लोग कहते थे कि अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए हमारी ज़मीन ली गई, कई दुकानें-घर तोड़े गए और सरकार ने आज तक लोगों को मुआवज़ा नहीं दिया। अयोध्या का बड़ा एयरपोर्ट बना उसमें अयोध्या के किसानों की ज़मीन गई, जिसमें किसानों को आज तक मुआवज़ा नहीं मिला। अयोध्या की प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्यावासी ही नहीं थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 जुलाई को आंकड़ों के साथ राहुल गांधी के झूठ का पर्दाफाश किया था। उन्होंने कहा था कि सदन में दिया गया राहुल गांधी का झूठा बयान अत्यंत ही निंदनीय और शर्मनाक है। योगी आदित्यनाथ ने बताया था कि अयोध्या में विभिन्न विकास कार्यों के दौरान विस्थापित हुए लोगों को 1733 करोड़ रुपए की धनराशि मुआवजे के तौर पर प्रदान की गई है। संविधान का गला घोंटने वाले लोगों ने संविधान के बारे में गुमराह करने वाले वक्तव्य देने के लिए विदेशी पैसे से के बल पर चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था। 1 लाख का फर्जी बॉन्ड भरवा कर भारत की माताओं और बहनों को गुमराह करने का कार्य किया। आज फिर इन्होंने झूठा बयान दिया है जोकि अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है। हर कोई जानता है कि अयोध्या को उसकी पहचान से किसने वंचित किया है। राहुल गांधी और उनके सहयोगियों ने न केवल अयोध्या को वनवास दिया था, बल्कि सरयू को भी रक्तरंजित किया था। आज जब अयोध्या अपने वैभव को पुन:प्रतिष्ठापित करते हुए पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रही है तो कांग्रेस इसे कैसे अच्छा मान सकती है। कांग्रेस झूठ का पुलिंदा है। सच ये है कि 1733 करोड़ रुपए केवल मुआवजे के लिए अयोध्या वासियों को उपलब्ध कराए हैं। चाहे रामपथ हो, भक्तिपथ हो, जन्मभूमि पथ हो या एयरपोर्ट हो, जिसकी जमीन, दुकान, मकान इसमें शामिल थी, उन्हें मुआवजा दिया गया है। राहुल का बयान सत्य से परे झूठ का पुलिंदा हैं। यह यूपी और अयोध्या को बदनाम करने की साजिश है। यह भारत और अयोध्या की छवि को खराब करने की उस मानसिकता का हिस्सा है जो ये एक्सीडेंटल हिन्दू आजादी के बाद से लगातार करते आ रहे हैं।
अयोध्या में कितना दिया गया मुआवजा
● अयोध्या एयरपोर्ट के लिए 952.39 करोड़ रुपये का मुआवजा
● अयोध्या बाईपास (रिंग रोड) के लिए 295 करोड़ का मुआवजा
● राम जन्मभूमि पथ में 14.12 करोड़ रुपये का मुआवजा
● भक्ति पथ में 23.66 करोड़ रुपये का मुआवजा
● रामपथ में 114.69 करोड़ का मुआवजा
● पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के लिए 29 करोड़ रुपये का मुआवजा
● चौदहकोसी परिक्रमा मार्ग के लिए 119.20 करोड़ रुपये का मुआवजा
● रुदौली-रोजागांव रेलवे स्टेशन के मध्य रेलवे दोहरीकरण के निर्माण के लिए 35.03 लाख रुपए
● एनएच 330ए के निर्माण के लिए 163.90 करोड़ रुपये का मुआवजा
● एनएच 227बी के पैकेज 3 के अंतर्गत 21.09 करोड़ का मुआवजा दिया
● अबतक कुल 21,548 व्यक्तियों को मुआवजा दिया जा चुका है
● न केवल मुआवजा दिया गया, बल्कि दुकानों का सौंदर्यीकरण कराया गया
● अयोध्या में दुकानदारों का व्यापार पहले से अधिक बढ़ा है
इससे पहले राहुल गांधी ने अयोध्या को लेकर गुजरात के गांधीनगर में एक और झूठ बोला था। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को नहीं बुलाया गया था। इस पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने जवाब दिया था। उन्होंने राहुल के झूठ का पर्दाफाश किया था। चंपत राय ने राहुल गांधी के बयान को भ्रामक, असत्य और समाज में भेदभाव पैदा करने वाला बताया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी भव्य समारोह में बुलाया गया था।
सभी वर्गों को बुलाया गया
राहुल गांधी ने आज (6 जुलाई 2024) कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बड़े लोगों को बुलाया गया, इसमें अयोध्यावासी नहीं थे। इस पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का बयान पहले ही आ चुका है। चंपत राय ने बताया था कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समाज से जुड़े हुए संत महापुरुष, गृहस्थजन और जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में यश प्राप्त करने वाले, भारत का गौरव बढ़ाने वाले सज्जनों को आमंत्रित किया गया था। मंदिर में सेवारत श्रमिक कार्यक्रम में सम्मिलित रहे। अल्पसंख्यक भी उपस्थित रहे।
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