कोलकाता, (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के सारदा चिटफंड मामले में तीसरी अनुपूरक चार्जशीट दायर की है। इसमें नलिनी चिदंबरम का नाम शामिल किया गया है। नलिनी चिदंबरम कांग्रेस राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी हैं।
हालांकि, विशेष अदालत ने अभी तक चार्जशीट को स्वीकार नहीं किया है और नलिनी चिदंबरम के नाम को शामिल करने के संबंध में कुछ तकनीकी सवाल उठाए हैं। अदालत ने कहा कि मामले में संज्ञान केवल तभी लिया जाएगा जब केंद्रीय एजेंसी इस संबंध में और अधिक प्रमाणिक दस्तावेज प्रस्तुत करेगी।
चार्जशीट में क्या है?
सूत्रों के अनुसार, ईडी के वकील ने शुक्रवार दोपहर को कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में एक हजार 100 पन्नों का संकलित दस्तावेज प्रस्तुत किया, जिसमें 65 पन्नों की मुख्य चार्जशीट शामिल थी। केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि नलिनी चिदंबरम ने सारदा ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष सुदीप्त सेन से 1.5 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे।
ईडी ने यह भी दावा किया है कि नलिनी चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने यह राशि कर सलाहकार के रूप में कानूनी परामर्श शुल्क के रूप में प्राप्त की थी, लेकिन वे इसके समर्थन में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सकीं।
चार्जशीट प्रस्तुत किए जाने के बाद, विशेष अदालत के न्यायाधीश ने नलिनी चिदंबरम का नाम शामिल करने पर कुछ तकनीकी सवाल उठाए। न्यायाधीश ने पूछा कि किसी कर सलाहकार को यदि वह एक पेशेवर के रूप में किसी ग्राहक से परामर्श शुल्क स्वीकार करता है, तो उसे भ्रष्टाचार के आरोपों में कैसे शामिल किया जा सकता है।
न्यायाधीश ने यह भी सवाल उठाया कि क्या किसी आरोपित के लिए वकालत करने वाला कोई वकील अपराध में साझेदार माना जा सकता है। अंत में, न्यायाधीश ने कहा कि वह मामले में संज्ञान तभी लेंगे जब केंद्रीय एजेंसी मामले में और अधिक प्रमाण प्रस्तुत करेगी जो अदालत की संतुष्टि के लिए पर्याप्त हों।
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