नई दिल्ली, 5 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बहु प्रतिष्ठित शिखरवार्ता 8-9 जुलाई को मास्को में होगी। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह नरेन्द्र मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। यूक्रेन संघर्ष तथा फिलिस्तीन संघर्ष के दौरान होने वाली इस यात्रा को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह इस बात को भी दर्शाता है कि वर्तमान सरकार रूस के साथ भारत के संबंधों को कितना महत्व देती है।
प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा से पूर्व विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा होगी। यूक्रेन संघर्ष और इससे पड़ने वाले प्रभावों पर दोनों नेताओं के बीच अकेले में बातचीत होगी और इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। उनकी बातचीत में रक्षा, निवेश संबंधों, ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र की समीक्षा होगी। प्रधानमंत्री मोदी वहां राष्ट्रपति पुतिन से गुमराह कर भारतीयों को युद्ध क्षेत्र में तैनात किए जाने का भी मुद्दा उठायेंगे।
उल्लेखनीय है कि मोदी की मास्को यात्रा के दौरान ही वाशिंगटन में सैन्य संगठन नाटो की शिखरवार्ता भी आयोजित की गई है। इसमें रूस के खिलाफ नई रणनीति बनाने तथा उसके खिलाफ प्रतिबंधों को सख्त बनाने पर विचार होगा। मोदी-पुतिन बदलते परिवेश में द्विपक्षीय संबंधों और व्यापार को मजबूत बनाए रखने पर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 8 से 10 जुलाई को रूस और आस्ट्रिया की यात्रा पर जा रहे हैं। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को बताया कि तीन साल बाद होने जा रहे शिखर सम्मेलन को दोनों देश बहुत महत्व देते हैं। दोनों पक्ष 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के परिणाम स्वरूप होने वाले समझौतों से जुड़े दस्तावेजों की श्रृंखला पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री 8 जुलाई की दोपहर मॉस्को पहुंचेंगे। उनके सम्मान में राष्ट्रपति पुतिन रात्रि भोज देंगे। अगले दिन प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय से मिलेंगे, क्रेमलिन में अज्ञात सैनिक की कब्र पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और उसके बाद मॉस्को में प्रदर्शनी स्थल का दौरा करेंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 09 से 10 जुलाई के दौरान ऑस्ट्रिया की यात्रा करेंगे। यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी। वह ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन से मुलाकात करेंगे और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री और चांसलर भारत और ऑस्ट्रिया के व्यापारिक नेताओं को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मॉस्को के साथ-साथ वियना में भी भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे।
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