अमेरिकी थिंक टैंक ने उपग्रह तस्वीरों के आधार पर कहा है कि हवाना के निकट यह साइट बेजुकल में है। यह एक प्रकार से जासूसी संकेत स्थल है। चीन कई वर्ष से इसे अपने जासूसी के काम के लिए इस्तेमाल करता रहा है।
कम्युनिस्ट चीन पर अनेक देशों में विभिन्न हस्तकों के जरिए जासूसी करने, उनकी नीतियों को प्रभावित करने और अपने समर्थन तत्व बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं। इसमें भारत सहित यूरोप के कई देश और अमेरिका तक इस बात को कई बार उठा चुका है कि चीन गलत तरीकों से दूसरे देशों में जासूसी करा रहा है, साइबर अपराध कर रहा है। अमेरिका से यूं भी चीन का छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। इसलिए अब एक दावा किया गया है कि एक तीसरे देश के जरिए कम्युनिस्ट ड्रैगन अमेरिका की जासूसी करने की तैयारी कर चुका है।
यह दावा सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज नाम के थिंक टैंक ने किया है। इस संस्था का कहना है कि इस साल मार्च महीने में ली गईं उपग्रह तस्वीरों ने साफ बताया है कि चीन ने क्यूबा में हवाना के निकट पहाड़ी इलाके में उस देश की सबसे बड़ी सक्रिय सिग्नल इंटेलिजेंस साइट को और आधुनिक बनाया है। यह साइट कई साल से चीन के लिए जासूसी कार्रवाइयों को अंजाम देती आ रही है।
ग्वांतानामो बे में मौजूद अमेरिकी नौसैनिक बेस के पास क्यूबा में नई निगरानी इमारत का बना रहा है। लेकिन अमेरिकी थिंक टैंक मानता है कि इस साइट को अमेरिका पर नजर रखने के लिए प्रयोग किये जाने की पूरी संभावना है। कहा गया है कि क्यूबा में इस पूरे तंत्र को चीन के आदेश से संचालित किए जाने के पूरे आसार दिखे हैं।
इतना ही नहीं, थिंक टैंक की रिपोर्ट बताती है कि सैंटियागो डे का ये राडार केन्द्र क्यूबा के पूर्व में वर्ष 2021 से ही बनाया जा रहा है। लेकिन पहले कभी इस बारे में न उस देश ने, न चीन ने कभी खुलासा किया था।
अमेरिका और क्यूबा में कोई बहुत दूरी नहीं है। अमेरिकी सैन्य अड्डों पर नजर रखने के लिए यह जगह उस देश में काम में ली जा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्यूबा में बन रही उस बिल्डिंग के पूरा हो जाने पर, उस जगह से अमेरिका द्वारा आसमान और समुद्र में सैन्य संचालन किए जाने पर उस पर साफ नजर रखी जा सकेगी।
अमेरिकी थिंक टैंक ने उपग्रह तस्वीरों के आधार पर कहा है कि हवाना के निकट यह साइट बेजुकल में है। यह एक प्रकार से जासूसी संकेत स्थल है। चीन कई वर्ष से इसे अपने जासूसी के काम के लिए इस्तेमाल करता रहा है।
चीन ने इस स्थल पर कई प्रकार के सुधार भी किए हैं। इसी वजह से अब चीन के पास अमेरिका के हर प्रकार के सैन्य संचालन की ताजा जानकारी होगी, अमेरिका के मिसाइल परीक्षणों, रॉकेट प्रक्षेपणों तथा पनडुब्बी संचालन जैसे कामों पर चीन सीधी नजर रख पाएगा।
हालांकि क्यूबा ने इस दावे को बेबुनियाद बताया है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल अखबार की इस विषय पर छपी रिपोर्ट को लेकर क्यूबा के उप विदेश मंत्री कार्लोस फर्नांडीज डी कोसियो ऐसी हर बात का खारिज करते हैं। वे कहते हैं कि क्यूबा के द्वीप पर चीन को सैन्य सुविधाएं दिए जाने की बातें निराधार हैं। उनका कहना है कि अखबार ने बिना सबूत क्यूबा के विरुद्ध दुष्प्रचार जैसा चलाया है।
अमेरिका का विदेश विभाग चीन की हर हरकत पर बारीकी से नजर रखे हुए है। लेकिन चीन जासूसी के लिए कुख्यात है इसलिए ऐसी किसी भी संभावना की अमेरिका बारीकी से पड़ताल कर ही रहा होगा।
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