हाथरस/ एटा। यूपी के हाथरस जिले में आयोजित सत्संग में मची भगदड़ में मृतक संख्या बढ़कर 121 तक जा पहुंची है। 250 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्योयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। लोकसभा में चर्चा के बीच हादसे की जानकारी मिलते ही पीएम मोदी ने x पर शोक संदेश साझा किया और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। यूपी शासन ने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख और घायलों को 50 हजार की आर्थिक मदद की घोषणा की है। इसके अलावा परिवारों की इतनी ही आर्थिक सहायता प्रधानमंत्री राहत कोष से भी मिलेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, असीम अरुण, संदीप सिंह के साथ मुख्य सचिव व डीजीपी ने पहुंचकर हालात का जायजा लिया है। हाथरस और एटा के आला अधिकारी घायलों के इलाज की बेहतर व्यवस्था में जुटे हैं।
मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख, घायलों को 50-50 हजार की मदद
गृह मंत्री शाह ने हादसे को लेकर सीएम योगी से बात कर घटना की जानकारी ली। केन्द्र के निर्देश पर एनडीआरएफ की एक टीम हाथरस पहुंच गई है। पुलिस के अनुसार, हाथरस जिले में सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव फुगलई मुगलगढ़ी में साकाल हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का सत्संग कार्यक्रम चल रहा था। जीटी रोड पर स्थित स्थान एटा जनपद की सीमा के बेहद करीब है। आसपास के क्षेत्र में बाबा को अनुयाइयों की बड़ी संख्या है और उनके कार्यक्रमों में हर बार बड़ी भीड़ जुटती है। मंगलवार को आयोजित सत्संग में भारी तादाद में लोग जुटे थे। इनमें काफी ज्यादा महिलाएं बच्चे भी थे। राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा से भी लोग सत्संग में शामिल होने गांव पहुंचे थे।
चश्मदीदों ने बताया कि सत्संग समाप्त होने के बाद वहां से जल्दी निकलने के चक्कर में धक्का-मुक्की शुरू हो गई और देखते-देखते हर तरफ भगदड़ मच गई। जब तक हालात संभाले जाते, सत्संग कार्यक्रम में बड़ी अनहोनी हो गई। शुरुआती खबरों में 40 लोगों की मौत की सूचना सामने आई थी। लोगों का कहना है कि रात तक हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या 121 तक जा पहुंची। प्रशासन ने 116 मौत होने की पुष्टि की है, जिनमें 72 की पहचान हो गई है और बाकी की पहचान के लिए टीमें जुटी हैं। मरने वालों में 100 से अधिक महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं। 250 से अधिक लोग घायल बताए गए हैं, जिनका एटा मेडिक कालेज से सहित कई अस्पतालों में इलाज चल रहा है। कई घायलों की हालत बेहद नाजुक है। 25 मृतक एटा जिले के बताए गए हैं। भीड़ में दबने से काफी लोग बेहोश हो गए थे। ज्यादातर मौतें कीचड़ में दबने से होने की बात सामने आई है। सूचना पर हाथरस और एटा के पुलिस प्रशासनिक अधिकारी कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यक्रम में जुट गए। हाथरस, एटा के डीएम एसपी टीमों के साथ लोगों की सहायता में लगे हैं। आसपास के दूसरे जिलों से स्वास्थ्य टीमों को घायलों के इलाज में जुटाया गया है।
एटा जिला मुख्यालय करीब होने की वजह से अधिकांश घायलों को वहां के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। हालात देखते हुए मृतक संख्या और बढ़ सकती है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर तुरंत संज्ञान लेते हुए पुलिस-प्रशासनिक अफसरों को घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। हाथरस प्रशासन हादसे की जांच में भी जुट गया है।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री, मुख्यमंत्री ने हाथरस हादसे पर जताया गहरा शोक : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाथरस हादसे पर शोक जताते हुए कहा है कि दुर्घटना में महिलाओं और बच्चों सहित अनेक श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है। मैं अपने परिवारजनों को खोने वाले लोगों के प्रति गहन शोक संवेदना व्यक्त करती हूं तथा घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। प्रधानमंत्री ने x पर लिखा कि इस समय चर्चा(लोकसभा में) के बीच अभी मुझे एक दुःखद खबर भी दी गई है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भगदड़ में अनेकों लोगों की दुःखद मृत्यु की जानकारी आ रही है। जिन लोगों की इस हादसे में जान गई है, मैं उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। मैं इस सदन के माध्यम से सभी को ये भरोसा देता हूं कि पीड़ितों की हर तरह से मदद की जाएगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में हुआ हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। इस दुर्घटना में जिन्होंने अपनों को खोया है, उन शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन सभी पीड़ितों की हरसंभव मदद कर रही है’। सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स हेंडल पर लिखा कि हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं।
मृतकों के परिवार को 2-2 लाख, घायलों को 50 हजार की आर्थिक मदद : सीएम योगी के निर्देश पर घटना की जांच के लिए प्रशासनिक कमेटी गठित कर दी गई है। एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ की अध्यक्षता में हाथरस हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है, जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। शासन ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों के लिए 50 हजार की मदद की घोषणा भी कर दी है। प्रशासन आयोजकों पर एफआईआर करने जा रहा है। हादसे को लेकर शासन सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। सीएम योगी के निर्देश पर यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ प्रदेश सरकार के मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, असीम अरुण और संदीप सिंह मौके पर पहुंच गए हैं।
जन सहायता के लिए हैल्पलाइन नंबर जारी : हाथरस प्रशासन ने हादसे को देखते हुए आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाईन नंबर 9259189726 तथा 9084382490 जारी किये हैं। प्रशासन एवं पुलिस की टीमें घायलों के बारे में जानकारी जुटाकर उनके परिवारों से संपर्क कर रही हैं।
सीएम योगी ने अधिकारियों संग की आपात बैठक: हाथरस में हुए हादसे की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी ने उच्चाधिकारियों के साथ आपात बैठक करके राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मौके पर गए मंत्रियों और अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि घटना के लिए जो लोग भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। कोई भी दोषी बचने न पाए। सीएम योगी आज हाथरस पहुंचेंगे और मृतकों के परिवारों को सांत्वना देने के साथ घायलों का हाल जानेंगे।
हर शव को पहुंचाने के लिए लगाई गई पुलिस ड्यूटी: हाथरस में सिकंदराराऊ के पास हुए सत्संग हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के शव उनके घर तक पहुंचाने के लिए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। सीएम योगी के निर्देश पर जहां हाथरस और एटा के अस्पतालों में घायलों के बेहतर इलाज के लिए प्रबंध सुनिश्वचित किए गए हैं, वहींं प्रभावित परिवारों की हर वक्त सहायता के लिए हैल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
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