कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार (1 जुलाई) को संसद सत्र के बीच विवादित बयान देकर हिंदू समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है। राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपने संबोधन में राहुल ने हिंदू घृणा के लिए भगवान शिव का इस्तेमाल किया। संसद में राहुल गांधी ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाते हुए हिंदुओं के साथ ‘अभय मुद्रा’ का भी मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, “ये देश अहिंसा का देश है, डर का देश नहीं है। हमारे सारे महापुरुषों ने अहिंसा की बात की, डर मिटाने की बात की– डरो मत, डराओ मत। शिवजी भी यही कहते हैं, अभयमुद्रा दिखाते हैं। अहिंसा की बात करते हैं। त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। और जो लोग खुद को हिन्दू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत, असत्य-असत्य-असत्य करते हैं।”
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष लगातार अभय मुद्रा के नाम पर अपनी हथेली दिखाते रहे। लोकसभा में राहुल गांधी के हिंदुओं पर नफरती बयान देने के बाद भाजपा सांसदों ने हंगामा कर दिया। नेता प्रतिपक्ष की यह बात सुन प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी खुद को नहीं रोक पाए और इस मामले में हस्तक्षेप किया। पीएम मोदी अचानक अपनी सीट से उठे और राहुल को करारा जवाब देते हुए कहा, ”पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर विषय है।”वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल ने हिंदुओं का अपमान किया है। उन्हें सभी हिंदुओं को हिंसक बताने वाले अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि करोड़ों लोग हिंदू होने पर गर्व करते हैं और राहुल गांधी सोचते हैं कि वे सभी हिंसक हैं। हालांकि, इसके बाद भी कांग्रेस नेता अपने बयान पर कायम रहे और उन्होंने अपने विवादित बयान के लिए हिंदू समाज से माफी नहीं मांगी, बल्कि खुद को सही ठहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी और आरएसएस को नफरत फैलाने वाला और हिंसक बताने लगे।
राहुल यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि हिंदू कभी डर और नफरत नहीं फैला सकते, लेकिन बीजेपी दिन-रात डर और नफरत फैलाती है। वहीं, कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया है कि उनका माइक बंद कर दिया जाता है। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने उनको सभापति की मंशा पर संदेह जताने के लिए फटकार लगाई और कहा कि उनका माइक कभी बंद नहीं किया गया।
आपको बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति भारतीय समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने या इससे संबंधित बयान का दोषी माना गया है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को दो साल या अधिकतम तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। गंभीर अपराध की स्थिति में दोषी पर सजा और जुर्माना दोनों लगाए जा सकते हैं। ऐसे में अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी पर भी लोकसभा में हिंदू समाज को हिंसक बताने के लिए क्या उन पर कार्रवाई होगी या नहीं ? क्या उनके इस हिंदू विरोधी बयान ने एक बार फिर उनकी हिंदुओं के प्रति घृणा को उजागर कर दिया है? क्या वह केवल वोट बैंक के लिए ही हिंदुओं का इस्तेमाल करते हैं? चुनाव के दौरान मंदिरों में जाकर हिंदुओं का दिल जीतने की कोशिश करते हैं?
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