ब्रिटेन में 4 जुलाई के मतदान को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक वक्त निकालकर यूके मंदिरों में दर्शन ही नहीं कर रहे बल्कि अपनी हिन्दू जड़ों का बार—बार उल्लेख भी कर रहे हैं। इसी तरह विपक्षी लेबर पार्टी के नेता भी हिन्दू और भारत हित में काम करने की कसमें खा रहे हैं। इससे अंदाजा लग जाता है कि यूके में भारतवंशी मतदाताओं का कितना महत्व है। वहां चुनावों में हिन्दू मतों को बहुत अहम माना जा रहा है।
ऋषि सुनक मंदिरों में दर्शन करने के साथ ही भारतवंशियों के साथ बैठकें कर रहे हैं, हिन्दू समुदाय के प्रति अपने लगाव का प्रदर्शन कर रहे हैं, बता रहे हैं कि उन्हें हिन्दू परंपराओं और संस्कृति से कितना प्यार है। सुनक का कहना है कि उनके लिए भारतवंशी होकर ब्रिटेन का प्रधानमंत्री होना गौरव का विषय है।
पिछले दिनों ऋषि सुनक और उनकी धर्मपत्नी अक्षता लंदन के प्रसिद्ध स्वामीनारायण मंदिर गए थे। वहां विशेष पूजा करने के बाद सुनक ने मीडिया के सामने कहा कि वे हिंदू हैं तथा उन्हें उनकी इस आस्था से प्रेरणा मिलती है। उन्होंने उल्लेख किया कि भगवद्गीता पर हाथ रखकर उन्होंने संसद सदस्य के नाते गर्व के साथ शपथ ली थी।
आगामी चुनाव को देखते हुए कंजर्वेटिव पार्टी के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ ही लेबर पार्टी के नेता भी लगभग 10 लाख हिन्दू मतदाताओं को रिझााने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। लेबर पार्टी का दावा है कि वे सत्ता में आए तो हिन्दू और भारत विरोधी भावनाओं को पनपने नहीं देंगे। ब्रिटेन में हिंदुओं का राजनीति में बहुत दखल भी माना जाता है। कंजर्वेटिव हो या लेबर, दोनों ही दलों में उनके समर्थक हैं और कोशिश रहती है कि नीतियां हिन्दू समर्थक रहें।
ब्रिटेन में हिन्दुओं की 10 लाख आबादी की वजह से हिंदू धर्म वहां तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। यूके में स्वामीनारायण संस्था, चिन्मय मिशन तथा इस्कॉन सहित अनेक धार्मिक—आध्यात्मिक संगठन सक्रिय हैं जिनसे वहां के हिन्दू निरंतर जुड़े रहते हैं। ब्रिटिश हिंदू कुल जनसंख्या में 1.6 प्रतिशत माने जाते हैं। इसलिए इनके मतों को अपना महत्व है। 2011 की जनसंख्या के अनुसार, हिन्दू आबादी 835,394 आंकी गई थी।
ब्रिटेन के हिंदू मतदाताओं के प्रति ऋषि सुनक और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी नेता कीर स्टारमर इतने गंभीर इसलिए हैं क्योंकि इस बार सुनक को कयासों में पीछे दिखाया जा रहा है। स्टारमर भी किंग्सबरी स्थित स्वामीनारायण मंदिर में दर्शन करने के गए और भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी के प्रति अपनी गंभीरता दर्शाई। वहां उन्होंने भारतवंशियों के सामने अनेक प्रकार के वायदे करते हुए उन्हें मत देने के लिए कहा। स्टारमर ने अपने वक्तव्य में ब्रिटेन में हिंदूफोबिया की भर्त्सना करते हुए इसको खत्म करने की बात कही।
सुनक ने खुलकर हिन्दू समुदाय की प्रशंसा की, कहा कि ब्रिटेन के प्रगति में हिन्दू समुदाय को विशेष योगदान रहा है। ये समुदाय शिक्षा में आगे रहने वाला, कड़ी मेहनत करने वाला और परिवार से जुड़कर रहने वाला है। सुनक ने कहां कि मेरे अंदर ये ही मूल्य हैं और कंजर्वेटिव पार्टी भी इन्हीं मूल्यों पर चलती है।
ब्रिटेन में हिन्दुओं की 10 लाख आबादी की वजह से हिंदू धर्म वहां तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। यूके में स्वामीनारायण संस्था, चिन्मय मिशन तथा इस्कॉन सहित अनेक धार्मिक—आध्यात्मिक संगठन सक्रिय हैं जिनसे वहां के हिन्दू निरंतर जुड़े रहते हैं। ब्रिटिश हिंदू कुल जनसंख्या में 1.6 प्रतिशत माने जाते हैं। इसलिए इनके मतों को अपना महत्व है। 2011 की जनसंख्या के अनुसार, हिन्दू आबादी 835,394 आंकी गई थी।
ब्रिटेन में हिंदू समुदाय शहरों में रहता हैं। ब्रिटेन में रहने वाले 97 फीसदी हिन्दू लंदन और दक्षिण-पूर्व क्षेत्रों में रहते हैं। ब्रिटिश हिंदुओं के राजनीतिक प्रभाव को सिर्फ जनसांख्या के आंकड़ों से नहीं समझा जा सकता है। मजबूत नेटवर्क की वजह से समुदाय का प्रभाव काफी ज्यादा है। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में पिछड़ने के बावजूद सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को उम्मीद है कि हिन्दुओं के वोट उनको मिलेंगे। भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री के रूप में सुनक ब्रिटिश भारतीय मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में हैं।
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