पाकिस्तान हो या बांग्लादेश हिन्दुओं के लिए हालात करीब एक जैसे ही है। दोनों ही देशों में लगातार हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। हिन्दू लड़कियों पर हमले, उनका अपहरण, रेप, जमीन हड़पने की घटनाएं और इस्लामिक कन्वर्जन इन दोनों ही देशों में आम बात सी हो गई है। ताजा मामला बांग्लादेश के सिलहट का है, जहां एक हिन्दू परिवार का इस्लामिक कन्वर्जन करवा दिया गया।
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क्या है पूरा मामला
बांग्लादेश का एक जिला है सिलहट, जिसमें उप जिला है हबीगंज। यहीं पर शंभू दास नाम के हिन्दू व्यक्ति अपने तीन बेटों समेत परिवार के साथ रह रहे थे। उनके तीनों बेटे अभी नाबालिग ही हैं। एक दिन इस्लामिक कट्टरपंथियों की बुरी नजर उन पर पड़ती है। इस्लामिक कन्वर्जन गिरोह ने उनकी हालत देखकर उन्हें निशाना बनाया। कट्टरपंथियों ने शंभू दास का ब्रेनवॉश करना शुरू किया। हिन्दू धर्म के बारे में उल्टी-सीधी बातें शंभू दास के मन में बैठानी शुरू कर दी।
कट्टरपंथियों के बहकावे में आकर शंभू दास अपनी पत्नी को घर में छोड़कर एक रात अपने तीनों नाबालिग बेटों के साथ वहां से फरार हो गया। घर से भागने के बाद शंभू दास विख्यात इस्लामिक उपदेशक मौलाना पीर चरमोनाई के पास गया। चरमोनाई ने मौके का फायदा उठाते हुए तुरंत शंभू दास का बेटों समेत इस्लामिक कन्वर्जन करवा दिया। शंभू दास को मुस्लिम बनाने के बाद कट्टरपंथयों ने फेसबुक पर एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें हिन्दू परिवार के कन्वर्जन की बात कही गई थी।
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हालांकि, शंभू दास की पत्नी ने तय किया कि वो सनातन धर्म नहीं छोड़ेंगी, बल्कि इस जबरन इस्लामिक कन्वर्जन के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगी। उन्होंने पहले ही इस कन्वर्जन के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। इसके साथ ही शंभू दास की पत्नी ने अपने बच्चों को वापस लाने के लिए पुलिस में एक और केस दर्ज कराया है।
बांग्लादेश में नाबालिगों का कन्वर्जन है गैरकानूनी
बांग्लादेश के कानून के मुताबिक, नाबालिग बच्चों का कन्वर्जन गैरकानूनी है। ऐसे में उम्मीद है कि शंभू दास के बच्चों का इस्लामिक कन्वर्जन खारिज हो जाएगा और शायद बच्चे दोबारा अपनी मां के पास आ सकें।
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