मुंबई । मलाड में आइसक्रीम में मिली उंगली के मामले में नया खुलासा हुआ है। डीएनए परीक्षण के बाद यह पुष्टि हुई है कि यह उंगली आइसक्रीम फैक्टरी के सहायक संचालक प्रबंधक ओमकार पोटे की है। पुलिस ने अब इस मामले की जांच तेज कर दी है और लापरवाही के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
मलाड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रवि अडाने ने बताया कि आइसक्रीम में मिली उंगली को डीएनए परीक्षण के लिए भेजा गया था। साथ ही कंपनी के सहायक संचालक प्रबंधक का भी डीएनए सैंपल लिया गया था। दोनों के सैंपल मैच हो गए हैं। अब यह स्पष्ट हो गया है कि आइसक्रीम में मिला उंगली का हिस्सा ओमकार पोटे का ही है।
यह मामला तब सामने आया जब कुछ दिन पहले मुंबई के मलाड में ब्रेंडन फेरारो नामक डॉक्टर को आइसक्रीम में इंसानी उंगली मिली थी। डॉक्टर ने तत्काल मलाड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आइसक्रीम में मिली उंगली का डीएनए परीक्षण करवाया। जांच में यह पाया गया कि पुणे स्थित फॉर्च्यून डेयरी में बनी इस आइसक्रीम में सहायक संचालक प्रबंधक ओमकार पोटे की दाएं हाथ की मध्यमा उंगली का अगला हिस्सा मिला था। यह घटना 11 मई को फैक्टरी में काम करते समय हुई थी, जब लापरवाही के चलते उंगली कट गई थी।
डीएनए रिपोर्ट के अनुसार- आइसक्रीम में मिले उंगली के हिस्से और ओमकार पोटे के कटे हुए उंगली के हिस्से का मिलान हो गया है। ओमकार पोटे ने दुर्घटना की सूचना फैक्टरी को दी थी, लेकिन कंपनी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 272 (खाद्य पदार्थों में मिलावट), 273 (हानिकारक खाद्य पदार्थों का विक्रय) और 336 (लापरवाही से जीवन को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया है।
फिलहाल, पुलिस मामले की गहन छानबीन कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि फैक्टरी में ऐसी लापरवाही क्यों और कैसे हुई। आगे की जांच जारी है और पुलिस जल्द ही इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
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