‘मुझे खुशी इस बात की है कि ये लोग अपना धर्म बचाने के लिए भारत आए…अगर अपना कन्वर्जन किया होता तो वे अपने-अपने देशों में रह सकते थे।’ ये बात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के से आए तीन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता प्रदान करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को नागरिकता दी गई है वे सभी कोई विदेशी नहीं, बल्कि अखण्ड भारत के रहने वाले हैं और तत्कालीन सरकारों के भरोसे पर वहां गए थे। जिन लोगों को नागरिकता दी गई उनमें पाकिस्तान से भारत आए समीर सेलवानी, संजना सेलवानी और बांग्लादेश से राखी दास शामिल हैं, जिन्हें भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सीएम मोहन यादव ने सौंपा। इस मौके पर देश में सीएए कानून लागू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने सीएए के जरिए एक ऐसा रिश्ता स्थापित किया है, जिससे अखण्ड भारत की स्मृतियां ताजी हो गई हैं।
सीएए के कारण अपने मूल देश में आ रहे लोग
सीएम डॉ मोहन यादव ने कहते हैं कि ये सीएए कानून की ही देन है, जिसके तहत अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले हमारे परिवार अब अपने धर्म को बचाने के लिए वापस अपने मूल देश की ओर लौट रहे हैं। अगर ये लोग अपनी पहचान और धर्म को बदलते तो वहां ये रह पाते।
पीएम मोदी ने सीएए कानून लाकर बड़ा काम किया है। जो नागरिक मध्य प्रदेश आएगा, हमारी सरकार उसकी पूरी मदद करेगी।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 अब कानून बन चुका है। इसमें ये प्रावधान किया गया है कि 31 दिसंबर 2014 से पहले से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिन्दू, सिख, ईसाई और पारसी भारत में रह रहे हैं, उन्हें सरकार भारत की नागरिकता प्रदान करेगी।
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