कर्णावती: विद्यालय प्रवेश उत्सव गुजरात में चल रहा है और शिक्षा क्षेत्र में गुजरात ने क्रांति ला दी है ऐसा कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं है। विद्यालय प्रवेश उत्सव के परिणामस्वरूप गुजरात में छात्रों का नामांकन दर 100 प्रतिशत तक पहुच गया है। बाल ट्रेकिंग सिस्टम के जरिये छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है और लर्निंग आउटकम आधारित रिपोर्ट कार्ड प्रदान करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य है।
गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने तीन दिवसीय विद्यालय प्रवेश उत्सव का बुधवार को प्रारंभ करवाया। विद्यालय प्रवेश उत्सव के परिणामस्वरूप गुजरात में शिक्षा क्षेत्र में क्रांति आ गई है। वर्ष 2002-03 में विद्यालय प्रवेशोत्सव शुरू होने से पहले शुद्ध नामांकन दर यानी कक्षा-1 में छात्रों की नामांकन दर 75.05 प्रतिशत थी। कक्षा-1 में छात्रों की नामांकन दर को 100 प्रतिशत तक लाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में स्कूल प्रवेश उत्सव शुरू किया गया था। परिणामस्वरूप, अगले वर्ष 2004-05 में नामांकन दर बढ़कर 95.64 प्रतिशत हो गई। फिर वर्ष 2012-13 में यह नामांकन दर 99.25 प्रतिशत तक पहुंच गई और तब से कक्षा-1 में छात्रों की नामांकन दर 100 प्रतिशत के करीब बनी हुई है। राज्य सरकार न मात्र छात्र लेकिन स्कूलों के विकास के लिये भी प्रयत्नशील है। राज्य के लगभग 20,000 स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय में परिवर्तित किया जा रहा है।
वर्ष-2001 में छात्रों के मुकाबले शिक्षकों की संख्या कम थी। न बच्चों की स्मार्ट क्लास थी, न कंप्यूटर लैब, जबकि आज राज्य सरकार द्वारा 50 हजार नये क्लासरूम तैयार किये जा रहे हैं। जिनमें से 6700 नई कक्षाएँ पूरी हो चुकी हैं और 25,675 पर काम चल रहा है।
बच्चों की कंप्यूटर शिक्षा के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 3 लाख कंप्यूटरों वाली 21,000 नई कंप्यूटर लैब स्थापित की जाएंगी। बच्चों की पढ़ाई के लिए एक लाख पांच हजार नये स्मार्ट क्लास रूम बनाये जायेंगे, जिसमें 90,000 स्मार्ट क्लास का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 15,000 स्मार्ट क्लास का कार्य प्रगति पर है। राज्य सरकार द्वारा बच्चों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से 5,000 नई STEAM लैब स्थापित की जाएंगी, जिनमें से 3000 लैब पूरी हो चुकी हैं और 2000 लैब प्रगति पर हैं।
इस प्रकार गुजरात में विद्यालय प्रवेशोत्सव एवं बालिका शिक्षा उत्सव के फलस्वरूप शिक्षा क्षेत्र में क्रांति आ गयी है। वर्ष 2021 में आयोजित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में गुजरात को देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल किया गया था।
प्रवेश के लिए नागरिक पंजीकरण प्रणाली का उपयोग
गुजरात ने स्वास्थ्य विभाग के डेटा को शिक्षा विभाग के यूडीआईएसई-आधारित बाल ट्रैकिंग सिस्टम के साथ जोड़ने की पहल साल 2019 में की। वर्ष-2019 से, कक्षा-1 में प्रवेश के लिए उपयुक्त आयु के बच्चों की पहचान और प्रवेश के लिए नागरिक पंजीकरण प्रणाली के जन्म रिकॉर्ड का उपयोग किया जाता है। वर्ष 2023-24 में किंडरगार्टन प्रवेश के लिए भी नागरिक पंजीकरण प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।
लर्निंग आउटकम आधारित रिपोर्ट कार्ड
राज्य सरकार ने वर्ष-2018 से कक्षा 3 से 12वीं तक के लिए केंद्रीय आधार पर यूनिट टेस्ट और सेमेस्टर परीक्षा आयोजित करना शुरू कर दिया है। सेमेस्टर टेस्ट में बच्चों को एक ही प्रश्न पत्र, एक ही समय दिया जाता है और उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने के लिए इन प्रश्न पत्रों की जाँच स्कूल के अन्य शिक्षकों द्वारा की जाती है। इसके बाद बच्चों को लर्निंग आउटकम पर आधारित रिपोर्ट कार्ड दिया जाता है। आज, गुजरात कक्षा 3-12 के छात्रों के लिए लर्निंग आउटकम आधारित रिपोर्ट कार्ड प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है।
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