हाल ही में सरकार ने एक चौंकाने वाले फैसले की घोषणा की है, जिसमें देशभर में जूते और सैंडल पर प्रतिबंध लगाने की योजना है। इस फैसले का उद्देश्य विभिन्न कारणों से जूते और सैंडल पहनने पर प्रतिबंध लगाना है। इसके साथ ही महिलाओं के सैंडल की हील की ऊंचाई भी सीमित की जाएगी।
प्रतिबंध के पीछे के कारण
स्वास्थ्य कारण
जूते और सैंडल पहनने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं में पैरों में दर्द, पीठ की समस्याएं और चलने में दिक्कतें शामिल हैं। सैंडल की हील की ऊंचाई विशेष रूप से महिलाओं में कमर दर्द और पैरों की मांसपेशियों पर दबाव डालने का कारण बनती है।
सुरक्षा कारण
सार्वजनिक स्थानों पर जूते और सैंडल के उपयोग से कई बार हादसे होते हैं। हील वाली सैंडल पहनने से गिरने और चोटिल होने की संभावना बढ़ जाती है। खासकर सार्वजनिक परिवहन और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में यह समस्या गंभीर हो सकती है।
महिलाओं की सैंडल की हील की ऊंचाई पर नियंत्रण
महिलाओं की सैंडल की हील की ऊंचाई को भी नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने एक निर्दिष्ट ऊंचाई सीमा निर्धारित की है, जिससे अधिक ऊंचाई वाली हील पहनना प्रतिबंधित होगा। इसका उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
नए नियमों का पालन
सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियमों के तहत, सभी फुटवियर निर्माता और विक्रेता को इस निर्णय का पालन करना अनिवार्य होगा। इस नियम का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द करना शामिल है।
टिप्पणियाँ