सनातन धर्म को यूं ही नहीं महान कहा जाता है। ‘सनातन’ ये नाम ही अपने आप में ये समझाने के लिए पर्याप्त है कि यही वो धर्म है, जिसका अंत कभी नहीं हुआ। इसीलिए जो भी कभी किसी दबाव में आकर दूसरे पंथों या मजहबों में चले गए थे वो अब धीरे-धीरे सनातन धर्म में वापसी कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के रहने वाले एक मुस्लिम परिवार ने इस्लाम को त्याग कर ‘सनातन धर्म’ में ‘घर वापसी’ कर ली।
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रिपोर्ट के मुताबिक, घर वापसी का ये मामला सीतापुर जिले के बिसवां तहसील स्थित रेउसा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रेउसा विकास खंड में स्थित राजपुर क्योटाना का है। यहीं के रहने वाले लाल मोहम्मद ने अपनी पत्नी गुलशन, पुत्र समीर और शान मोहम्मद के साथ आधिकारिक तरीके से ‘घर वापसी’ कर ली।
लाल मोहम्मद का कहना है कि वे अपने परिवार के साथ गांव में होने वाले कथा, भागवत, कीर्तनों में जाया करते थे। इसी दौरान हमारा सनातन धर्म की तरफ झुकाव हुआ। इसके बाद हमने ‘घर वापसी’ करने का फैसला किया। जब ये बात हमारे समुदाय (मुस्लिमों) को पता चली तो सभी ने इसका विरोध करते हुए हमें धमकियां दी। हमारे घर को तारों से घेरकर हमें बंधक बना लिया। इस पर हमने रेउसा प्रखण्ड के हिन्दू संगठनों से संपर्क कर सारी आपबीती बताई।
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इसके बाद हिन्दू संगठनों की मदद से लाल मोहम्मद अपने परिवार के साथ बिसवां तहसील में गए और वहां पर उच्च अधिकारियों के समक्ष शपथपत्र दिया और लिखा-पढ़ी करने के बाद हिन्दू परंपराओं के तहत सनातन धर्म में घर वापसी कर ली। घर वापसी करने के बाद लाल मोहम्मद ने अपना नाम बदलकर रामलाल रख लिया है। उनकी पत्नी गुलशन से आरती देवी बन गई हैं, जबकि बेटे का नाम शान मोहम्मद से शशिकांत और जान मोहम्मद उर्फ समीर से लवकुश हो गया है।
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