भारतीय राजनयिक महिलाएं भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अद्वितीय प्रतिभाएं हैं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया है। भारतीय महिलाएं आज अपने प्रयासों और संघर्ष के माध्यम से सभी सीमाओं को पार कर सफलता के शिखर पर पहुंच रही हैं। ऐसे में आइए भारतीय महिला राजनयिक दिवस के अवसर पर जानते हैं ऐसी ही कुछ महिलाओं के संघर्ष और साहस के बारे में।
सीबी मुथम्मा
सीबी मुथम्मा 1948 में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करके भारतीय सिविल सेवा में शामिल होने वाली पहली महिला बनीं। इसके बाद उन्होंने भारतीय विदेश सेवा के लिए आवेदन किया और 1949 में भारत की पहली IFS अधिकारी बनीं। मुथम्मा को 1970 में भारत में हंगरी का राजदूत नियुक्त किया गया, वे इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला थीं। बाद में उन्होंने घाना की सेवा की और उनकी अंतिम पोस्टिंग नीदरलैंड में भारतीय राजपूत के रूप में थी।
मीरा शकंर
मीरा शंकर अमेरिका में भारत की दूसरी महिला राजपूत थीं। 1973 बैच की अधिकारी होने के नाते वह 1991 से 1995 तक वाशिंगटन डीसी में तैनात रहीं। वह 1973 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुईं। शंकर ने 1985 से 1991 तक प्रधानमंत्री कार्यालय के निदेशक के रूप में कार्य किया और 1991 से 1995 तक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के रूप में कार्य किया। विदेश मंत्रालय में कार्य करते हुए, उन्होंने एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) और नेपाल और भारत के साथ संबंधों से संबंधित दो महत्वपूर्ण प्रभागों का नेतृत्व किया।
1973 बैच की आईएफएस अधिकारी राव ने 1 अगस्त 2009 को विदेश सचिव का पद संभाला था और चोकिला अय्यर के बाद यह पद संभालने वाली वह दूसरी महिला थीं। राव भारतीय विदेश कार्यालय की पहली महिला प्रवक्ता (2001-02) थीं। उन्होंने श्रीलंका (2004-2006) और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (2006-2009) में भारत की पहली महिला उच्चायुक्त (राजदूत) के रूप में कार्य किया। वह 2011 से 2013 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत की राजदूत थीं।
स्नेहा दुबे
स्नेहा 2012 बैच की महिला आईएफएस अधिकारी हैं। आईएफएस बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई। इसके बाद साल 2014 में भारतीय दूतावास मैड्रिड में उनकी नियुक्ति हुई। कुछ साल बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव के रूप में नियुक्त किया गया।
निरुपमा राव
1973 बैच की आईएफएस अधिकारी राव ने 1 अगस्त 2009 को विदेश सचिव का पद संभाला था और चोकिला अय्यर के बाद यह पद संभालने वाली वह दूसरी महिला थीं। राव भारतीय विदेश कार्यालय की पहली महिला प्रवक्ता (2001-02) थीं। उन्होंने श्रीलंका (2004-2006) और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (2006-2009) में भारत की पहली महिला उच्चायुक्त (राजदूत) के रूप में कार्य किया। वह 2011 से 2013 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत की राजदूत थीं।
गीतिका श्रीवास्तव
2005 बैच की आईएफएस अधिकारी गीतिका को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में पहली महिला प्रभारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने 2007-09 के दौरान चीन में भारतीय दूतावास में काम किया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली गीतिका ने कोलकाता में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी और विदेश मंत्रालय के आईओआर डिवीजन में निदेशक के रूप में भी काम किया है।
दीप्ति झरवाल
दीप्ति भारतीय विदेश सेवा की 2011 बैच की अधिकारी हैं। वे इससे पहले इटली में भारतीय दूतावास में भी काम कर चुकी हैं। दीप्ति काबुल में अफगान लोगों को भारत की मानवीय सहायता के वितरण का आकलन करने के लिए भेजी गई एक छोटी टीम का हिस्सा थीं।
रुचिरा कंबोज
रुचिरा भारतीय विदेश सेवा 1987 बैच की भारतीय राजनयिक हैं। वे अपने बैच की ऑल इंडिया टॉपर थीं। उन्होंने अपनी कूटनीतिक यात्रा पेरिस से शुरू की थी। उन्होनें पेरिस से अपनी राजनायिक यात्रा की शुरुआत की थी। 1991-96 तक विदेश मंत्रालय के यूरोप वेस्ट डिवीजन में बतौर अतर सचिव काम किया। 1996-1999 तक, रुचिरा ने मॉरीशस में प्रथम सचिव (आर्थिक और वाणिज्यिक) और पोर्ट लुइस में भारतीय उच्चायोग में प्रमुख के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। संयुक्त राष्ट्र में आरत की पहली महिला दूत हैं। इसके अलावा वे भूटान में भी भारत की पहली महिला राजदूत रह चुकी हैं।
विदिशा मैत्रा
विदिशा 2009 बैच की भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हैं। उन्होंने वर्ष 2008 में सिविल सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश में 39वीं रैंक हासिल की थी। जबकि 2009 में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण अधिकारी का स्वर्ण पदक भी मिला था। वह यूएन में भारत की प्रथम सचिव हैं।
अंजलि सिंह
विंग कमांडर अंजलि देश में किसी भी भारतीय दूतावास में तैनात होने वाली भारत की पहली महिला सैन्य राजनयिक बन गई हैं। सिंह एई (एल) अधिकारी हैं जो 17 वर्षों से सेवा दे रही हैं। उन्हें मिग-29 विमान उड़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त है। अंजलि सिंह का चयन वर्ष 2002 में वायुसेना में हुआ था।
हमना मरियम
2017 बैच की आईएफएस अधिकारी हमना को 2019 में जेद्दा में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तैनात किया गया था और वह सऊदी अरब में भारतीय मिशन में शामिल होने वाली पहली महिला आईएफएस अधिकारी थीं। फ्रांस में अपने पहले कार्यकाल के बाद वह जेद्दा आईं।
ईनम गंभीर
ईनम संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली सचिव हैं। वह 2005 बैच की IFS (भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी हैं। उनकी पहली पोस्टिंग मैड्रिड में हुई थी। इसके बाद, चनम ने अर्जेंटीना और ब्राजील में भारतीय दूतावास में काम किया। वह दिल्ली में विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान अफगानिस्तान-ईरान डेस्क पर भी काम कर चुकी हैं।
नबानिता चक्रवर्ती
चक्रवर्ती 2008 में अपने आईएफएस अधिकारी बैच की टॉपर थीं और वर्तमान में विदेश मंत्रालय में अवर सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
पॉलोमी त्रिपाठी
पॉलोमी का चयन 2006 में रेवेन्यू सर्विस में चुनी गई और उसके बाद साल 2007 में फॉरेल सर्विसेज में। ये चार साल साउथ ब्लॉक में डिप्टी सेक्रेटरी (एडमिनिस्ट्रेशन) रह चुकी हैं। साल 2007 से 2009 के बीच वो अंडर ट्रेनिंग रही और साल 2009 से 2013 के बीच स्पेन में पोस्टेड रहीं। साल 2013-14 के बीच आसियान मल्टी लेटरल में उन्होंने अहम जिम्मेदारी संभाली और साल 2014 से जून तक एडमिनिस्ट्रेशन में रहीं। साल 2017 में जून में यो यूएन पहुंची।
सीमा पुजानी
सीमा पुजानी ने 2014 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 37वीं रैंक हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने आईएएस की जगह भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) को चुना और 2015 में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक बन गईं।
पेटल गहलोत
पेटल 2015 में IFS में शामिल हुईं। वह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन की प्रथम सचिव हैं। उन्होंने विदेश मंत्रालय के यूरोप पश्चिम प्रभाग, पेरिस और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मिशनों/वाणिज्य दूतावासों में अवर सचिव के रूप में कार्य किया है।
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