बरेली जनपद में तैनात अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी. गत तीन जून को लखनऊ के गोमतीनगर थाने में उप निरीक्षक प्रभाकर ओझा ने भोपाल के अदनान खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. अदनान खान को गत 14 जून को रिमांड पर लेकर पूछताछ हुई. उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन व एक पेन ड्राइव बरामद की गई. इस पूछताछ के बाद पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रवि कुमार दिवाकर की हत्या की साजिश रची जा रही है.
अभियुक्त अदनान, धार्मिक भावनाओं को आहत करने व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल है. इस पर नियंत्रण नहीं लगा तो कोई घटना हो सकती है. इसके बाद लखनऊ के स्पेशल जज (एनआइए) ने गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा. इस पत्र में रवि कुमार दिवाकर की सुरक्षा बढाने के लिए आग्रह किया गया है.
उल्लेखनीय है कि रवि कुमार दिवाकर इससे पहले वाराणसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन के पद पर तैनात थे. उन्होंने ज्ञानवापी प्रकरण में सर्वे का आदेश दिया था. वर्ष 2022 में भी उन्हें धमकी मिली थी. इस्लामिक आजाद मूवमेंट की ओर से अध्यक्ष काशिफ अहमद सिद्दकी ने लेटर पैड पर धमकी दी थी. पत्र में लिखा गया था कि हिंदू जज से मुसलमान सही फैसले की आशा नहीं करता. मूर्तिपूजक जज सही फैसला दे ही नहीं सकता.
ऊपर से दबाव की वजह से मस्जिद को मंदिर घोषित कर दिया जायेगा. पत्र में लिखा था कि ” आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं, आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है तो फिर आपको पत्नी और मां को डर कैसा? ” पत्र में लिखा गया था कि न्यायधीश भी भगवाधारी हो गये हैं. फैसला उग्रवादी हिंदू संगठनों को खुश करने के लिये किया गया है. जज रवि कुमार दिवाकर ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि ‘मेरी मां को मेरी चिंता होती हैं. वो मेरी जान को लेकर हमेशा चिंतित रहती हैं.” रवि कुमार दिवाकर ने इसकी शिकायत डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर वाराणसी से भी की थी.
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