रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भीम क्रांतिवीर के संस्थापक किशोर नवरंगे को गिरफ्तार किया है। किशोर नवरंगे हिंसा और आगजनी की घटना के बाद से लगातार फरार चल रहा था।अब तक गिरफ्तार हुए आरोपितों में भीम रेजिमेंट के संभाग अध्यक्ष जीवराखन बांधे और प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश सोनवानी भी शामिल हैं। बलौदा बाजार पुलिस ने कुल 7 टीमें बनायी है जो प्रदेश भर से आरोपितों की पतासाजी में जुटी हुई हैं।
बुधवार को उक्त जानकारी देते हुए बलौदा बाज़ार पुलिस ने बताया कि, किशोर नवरंगे के आह्वान पर ही प्रदेश भर के लोग बलौदा बाज़ार पहुंचे थे और इसके बाद ही हिंसा हुई थी। पुलिस किशोर नवरंगे से पूछताछ कर रही है। किशोर नवरंगे से पूछताछ में कई बड़े खुलासे की पुलिस को आशा है ।
उल्लेखनीय है कि बलौदाबाजार में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 132 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें अलग – अलग संगठन के 20 प्रमुख भी शामिल हैं। इस हिंसा में अलग – अलग संगठन के करीब 20 प्रमुख शामिल हैं जिनमें मुख्य रूप से भीम आर्मी, भीम रेजिमेंट, भीम क्रांतिवीर, क्रांति सेना, इंडियन सतनामी समाज और सतनाम समाज से संबंधित कई संगठनों के नाम सामने आये हैं। सोशल मीडिया और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस की लगातार कार्रवाई जारी है।
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में 10 जून को हंगामा हुआ। भीड़ ने कलक्ट्रेट को घेर लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। आंदोलन को भड़काने और कलेक्ट्रेट में आग लगाने के पीछे वामपंथियों के साथ मिलकर काम करने वाला संगठन भीम आर्मी का नाम आया। कांग्रेस के नेताओं ने भी शुरू से ही इस विवाद में रुचि दिखाते हुए इसे बढ़ाने का प्रयास किया। बलौदाबाजार तथा इससे लगे जांजगीर-चांपा जिले में अनुसूचित जाति के बीच बहुत से संगठन वर्षों से काम कर रहे हैं। इसके अलावा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के बीच ईसाई मिशनरियों के द्वारा भी लगातार काम किया जा रहा है। इस विवाद में ईसाई मिशनरियों, भीम आर्मी से जुड़े संगठनों तथा कांग्रेस ने संयुक्त रूप से मिलकर सतनामी समुदाय को भड़काने का काम किया है।
ये है घटना
गिरौदपुरी के समीपस्थ गांव मानाकोनी में जैतखाम तोड़े जाने की घटना को लेकर सोमवार, 10 जून 2024 को सतनामी समाज द्वारा बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में विरोध-प्रदर्शन तथा कलेक्ट्रेट घेराव का आह्वान किया गया, जिसमें लगभग 3 से 4 हजार लोग सम्मिलित हुए। कलेक्ट्रेट घेराव के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आग लगा दी। वहां खड़े वाहनों के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक सम्पत्तियों की तोड-फोड़ भी की, जिसमें लगभग 30 से अधिक कारों और उतनी ही संख्या में दोपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचा। यहां तक कि दमकल की गाड़ी को भी इन प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस का भी समर्थन मिला था। इसमें भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव तथा बिलाईगढ़ से कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे भी शामिल हुए थे। इनमें से कविता प्राण लहरे ईसाई हैं।
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ये है घटनाक्रम
15 मई : सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी दूर मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिह्न जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया
17 मई : पुलिस में मामला दर्ज कर किया
19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का जाम किया था। इस दौरान समाज के गुरु और पूर्व मंत्री रुद्रकुमार ने कार्रवाई की मांग की, वहीं गुरु खुशवंत साहेब ने कांग्रेस सरकार में हुए प्रदर्शन की याद दिलाई
19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी
20 मई : समाज के लोगों की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि गलत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जो दोषी हैं, उन्हें पकड़ा जाए। वहीं आंदोलन की रूप रेखा तैयार हुई
21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे
08 जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही जांच में तेजी लाने की बात कही गई
09 जून: उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए
09 जून : इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी
10 जून : इसी प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया।
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