भुवनेश्वर। बकरीद वाले दिन नाली में खून बहता देख लोगों ने गोहत्या की आशंका जताई। आपत्ति जताने पर सैकड़ों मुस्लिमों ने हमला कर दिया और शिकायत करने वालों के घरों में पत्थर और कांच की बोतलें फेंकी। सोमवार दोपहर को बालेश्वर शहर के सुनहट इलाके में गोहत्या के संदेह में शुरू हुई सांप्रदायिक झड़प के बाद देर रात फिर से हिंसा व आगजानी हुई। इसे देखते हुए बालेश्वर जिला प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया है।
बालेश्वर के एसपी सागरिका नाथ ने इस संबंध में बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्फ्यू के कारण मंगलवार को दुकानें, बाजार, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। उन्होंने सभी से घरों से बाहर न निकलने की अपील की ।
जानकारी के अनुसार , सोमवार दोपहर को सांप्रदायिक झड़प के बाद देर रात हिंसा बालेश्वर शहर के गोलापोखरी, मोतीगंज, सिनेमा चौक तक फैल गई। उपद्रवियों ने विभिन्न मुहल्लों में घुसकर लोगों के घरों पर पथराव किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। राज्य पुलिस के पूर्वी रेंज के पुलिस आईजी डॉ. दीपक कुमार और एसपी सागरिका नाथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया। शहर के सभी प्रवेश द्वारों को सील कर दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व बालेश्वर के सांसद प्रताप चंद्र षडंगी और बालेश्वर सदर विधायक मानस दत्त भी पुलिस व प्रशासन से लगातार बातचीत करते हुए दिखे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सोमवार दोपहर सुनहट मुख्य सड़क के किनारे नालियों का पानी लाल होता देख स्थानीय लोगों ने संदेह जताया कि यह गोवंश का खून है। स्थानीय लोगों ने यह देखकर नाराजगी जताई और विरोध किया। इससे दोनों समूहों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई । इस संबंध में शिकायतकर्ता से सूचना मिलने पर पुलिस व मीडिया प्रतिनिधि वहां पहुंचे। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग एकत्र हो गए और शिकायतकर्ताओं पर हमला कर दिया तथा पत्थर व कांच की बोतलें फेंकी। उन्हें नियंत्रित करने गए एडिशनल एसपी अनिल प्रधान, एसडीपीओ डॉक्टर शशांक शेखर बेउरा, डीएसपी ब्रजमोहन प्रधान सहित दो पुलिस अधिकारी व तीन कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गए। पथराव व कांच की बोतलों से किए गए हमले में स्थानीय क्षेत्र के 10 से अधिक लोग व सड़क से गुजर रहे आम लोग भी घायल हो गए। सड़क पर बाइक, स्कूटर व चार पहिया वाहन रोककर लोगों पर भी हमला किया। समाचार संकलन करने गए मीडिया प्रतिनिधियों पर भी हमला किया गया तथा उनके कैमरे तोड़ दिए गए। करीब दो घंटे तक चले झडप के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया।
उधर, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बालेश्वर जिला मजिस्ट्रेट से चर्चा की। माझी ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में शांति एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को खराब नहीं होने दिया जाएगा। ओडिशा एक शांतिप्रिय राज्य है। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की।
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