पाकिस्तान में दी गई अल्पसंख्यकों के बजट की कुर्बानी, 1 रुपये का भी प्रावधान नहीं
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

पाकिस्तान में दी गई अल्पसंख्यकों के बजट की कुर्बानी, 1 रुपये का भी प्रावधान नहीं

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने अपने मुल्क का बजट 12 जून को पेश किया

by सोनाली मिश्रा
Jun 17, 2024, 07:36 pm IST
in विश्व
पाकिस्तान में हिंदू बेटियों की हत्या और अपहरण आम बात है। कराची में हिंदू लड़की निम्रता कुमारी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन करते लोग। (फाइल फोटो)

पाकिस्तान में हिंदू बेटियों की हत्या और अपहरण आम बात है। कराची में हिंदू लड़की निम्रता कुमारी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन करते लोग। (फाइल फोटो)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत में अल्पसंख्यकों और विशेषकर मुस्लिमों के बारे में हजारों प्रोपोगेंडा फैलाने वाले पाकिस्तान ने अपने यहाँ रहने वाले अल्पसंख्यकों के प्रति अपना असली चेहरा दिखाया है। जब इन दिनों पाकिस्तान में बकरीद मनाई जा रही है, तो वहीं उसी समय वहाँ के अल्पसंख्यकों के लिए बजट की भी जैसे कुर्बानी दे दी गई है।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने अपने मुल्क का बजट 12 जून को पेश किया। जहां पाकिस्तान में मिनिस्ट्री ऑफ रेलीजियस अफेयर्स एंड इंटरफेथ हारमोनी के लिए 1,861 मिलियन रुपए का बजट आवंटित हुआ, जो पिछले वर्ष 1,780 मिलियन रुपए था, तो वहीं हिन्दू, ईसाई और सिख जैसे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बजट में शून्य आवंटन है।

यूसीए न्यूज़ के अनुसार पिछले वर्ष पाकिस्तान के बजट में धार्मिक अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 100 मिलियन रुपए का प्रावधान किया गया था, मगर इस बार यह आवंटन गायब कर दिया गया है।  यह ऐसा ही है जैसे हिन्दू लड़कियों को वहाँ पर गायब कर दिया जाता है। जैसे मंदिरों को जमींदोज कर दिया जाता है, जैसे पुरानी हर पहचान को मिटा दिया जाता है। विदेशों मे जाकर इंसानियत के बारे में भारत को लेक्चर देने से पहले वैसे तो पाकिस्तान को अपने गिरेबान मे झांकना चाहिए कि पाकिस्तान बनने से पहले और उसके बनने के बाद पाकिस्तान की कट्टरपंथी सोच ने किस सीमा तक अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार किया है। मगर वे लोग देखेंगे नहीं और चूंकि उन्हें पता है कि उनके झूठ पर आँखें मूंदकर इसलिए विश्वास कर लिया जाएगा, क्योंकि यदि कोई उनका विरोध करेगा या फिर अतीत से लेकर अभी तक के उनके कुकृत्यों के विषय में चर्चा करेगा, तो उसे इस्लामोफोबिक का टैग थमा देंगे। और पाकिस्तान फिर से बच जाएगा।

पाकिस्तान सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए बजट के लिए आवंटन रद्द क्यों किया है, इसके विषय में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। यह माना जाता है कि जो बजट अल्पसंख्यक समुदाय के लिए जारी किया जाता था, उसका प्रयोग विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति एवं धार्मिक समारोहों के दौरान सहायता के लिए प्रयोग किया जाता था।

यूसीए न्यूज़ के अनुसार अभी तक सरकार ने इस संबंध में स्पष्टीकरण नहीं दिया है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया? मुगल शासक औरंगजेब भी अपनी अल्पसंख्यक नीति के लिए बहुत कुख्यात था। जिसने अपने पूर्ववर्ती शासक द्वारा अपनी गैर-मुस्लिम प्रजा के प्रति लागू कई उदारवादी नीतियों को बदल दिया था। उसने यह सुनिश्चित किया था कि मंदिर न बनें, मरम्मत न हो और जज़िया भी लागू कर दिया था। तो क्या इतिहास फिर से इस भूभाग पर एक और औरंगजेब के अल्पसंख्यकों के प्रति किए जा रहे भेदभावपरक कदम को देखेगा? इस निर्णय का परिणाम क्या होगा, यह बहुत सहजता से समझा जा सकता है।

पंजाब प्रांत की सरकार के मानवाधिकार एवं अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री एजाज आलम औगस्टीन ने यह कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए बजट का न होना अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए बहुत ही बुरी खबर है। उनके अनुसार यह बजट हमेशा से ही बहुत कम था। और अब तो बजट पूरी तरह से गायब कर दिया गया है। हमारे विद्यार्थियों को समस्या होगी। उन्हें सरकार के समर्थन की आवश्यकता है।  वहीं हिन्दू नेता चमन लाल, जो समाज सेवा फाउंडेशन, के अध्यक्ष हैं, उन्हें इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान में उम्मीद की किरण नहीं दिखती है। चमन लाल के अनुसार केवल 18 प्रतिशत दलित ही साक्षर हैं।

पाकिस्तान में जहां एक ओर बजट में अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय किया गया है, तो वहीं जब पूरा पाकिस्तान बकरीद अर्थात ईद उल अजहा मना रहा है, तो वहीं अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के तीन लोगों को केवल इस कारण एक महीने की जेल मे रखा जा रहा है कि जिससे वे मजहबी रीति-रिवाज न कर सकें। मीडिया के अनुसार पाकिस्तान में चकवाल में अहमदिया समुदाय के तीन प्रमुख सदस्यों को एक महीने के लिए हिरासत में इसलिए ले लिया गया जिससे वे बकरीद पर कुर्बानी न दे सकें। चूंकि अहमदिया समुदाय ऐसा समुदाय है, जिसे पाकिस्तान में मुस्लिम नहीं माना जाता है। इसलिए वे कुर्बानी आदि नहीं दे सकते हैं। वे अपनी इबादत करने वाली जगहों को मस्जिद भी नहीं कह सकते हैं। हर साल उनके साथ यही होता है। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ था, जब अहमदिया समुदाय के लोगों के घरों से कुर्बानी के लिए रखे गए जानवर पुलिस ने जब्त कर लिए थे और कहा था कि ईद के बाद ले जाना।

इस साल भी ईद के समय कुर्बानी देने से रोकने के लिए चकवाल के डेप्यूटी कमिश्नर ऐन मलिक ने तीन लोगों को हिरासत में लेने के लिए तीन आदेश 10 जून को जारी किए थे, जिसके बाद इन तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और हिरासत में भेज दिया।

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अहमदिया समुदाय को वर्ष 1974 से ही गैर-मुस्लिम घोषित किया हुआ है और वर्ष 1984 के एक कानून के अनुसार वे अपने मजहब को इस्लामिक नहीं कह सकते हैं और न ही खुलकर इस्लामिक रीतिरिवाज मना सकते हैं।

हालांकि अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुसलमान मानते हैं, जबकि पाकिस्तान में वह इसी कारण वोट भी नहीं दे पाते हैं, क्योंकि उन्हें इस्लाम से अलग सूची में पंजीकृत किया गया है। यह और भी हास्यास्पद है कि जो अहमदिया समुदाय पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए भी लड़ रहा है, हकीकत में वह खुद पाकिस्तान के निर्माण का जिम्मेदार है। जो समुदाय आज भेदभाव की शिकायत कर रहा है, उसी ने भारत में मुस्लिम समुदाय के साथ कथित भेदभाव के कारण पाकिस्तान की मांग के लिए संकल्प पत्र पेश किया था, जिसे बंटवारे का पहला पड़ाव कहा जाता है और इतना ही नहीं जो अहमदिया समुदाय कुर्बानी न देने को लेकर रोता है, उसी ने 1948 में कश्मीर की जंग में भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देकर सैकड़ों निर्दोष हिंदुओं की कुर्बानी ली थी। अब वे मतदाता भी नहीं हैं और अल्पसंख्यक भी नहीं हैं।

मगर यदि वास्तविक अल्पसंख्यकों की बात की जाए, जो अपने ही देश में दूसरी पहचान वाले हो गए थे, तो उनकी स्थिति पाकिस्तान में अत्यंत दयनीय है। आए दिन हिन्दू और ईसाई लड़कियों के अपहरण होते रहते हैं और उनपर बेअदबी का आरोप लगाना भी बहुत आम है। यह भी ध्यान दिया जाए कि ईसाई, हिन्दू और सिख मिलाकर भी कुल पाँच प्रतिशत पाकिस्तानी जनसंख्या नहीं हैं। ये ऐसे लोग हैं, जो उस गलती की सजा पा रहे हैं, जो उन्होंने की ही नहीं।

जो लोग सैकड़ों वर्षों से अपने घरों मे रह रहे थे, जो अपने पुरखों के इतिहास की कहानियाँ सुनते हुए आए, उन्हें अचानक से ही दूसरे देश की पहचान दे दी गई? उनकी पीड़ा को न ही कोई समझ सकता है और न ही कोई दूर कर सकता है। उनकी पीड़ा मात्र पाकिस्तानी सरकार द्वारा उठाए गए संवेदनशील कदमों से ही कुछ कम हो सकती है, परंतु दुर्भाग्य की बात यही है कि पाकिस्तानी सरकार भी जब अल्पसंख्यकों के बजट पर एक बड़ा शून्य बना दे, तो इन मुट्ठी भर अल्पसंख्यकों की रही सही आस भी समाप्त हो जाती है।

Topics: Radical thinking of Pakistanहिन्दूHindusपाकिस्तान के वित्त मंत्रीभारत में अल्पसंख्यकMinorities in Indiaपाञ्चजन्य विशेषईसाई और सिखपाकिस्तान की कट्टरपंथी सोचFinance Minister of Pakistan Muhammad AurangzebChristians and Sikhs
Share6TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

1822 तक सिर्फ मद्रास प्रेसिडेंसी में ही 1 लाख पाठशालाएं थीं।

मैकाले ने नष्ट की हमारी ज्ञान परंपरा

मार्क कार्नी

जीते मार्क कार्नी, पिटे खालिस्तानी प्यादे

हल्दी घाटी के युद्ध में मात्र 20,000 सैनिकों के साथ महाराणा प्रताप ने अकबर के 85,000 सैनिकों को महज 4 घंटे में ही रण भूमि से खदेड़ दिया। उन्होंने अकबर को तीन युद्धों में पराजित किया

दिल्ली सल्तनत पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों?

वीडियो में कुर्ता—लुंगी और गोल टोपी पहने मुस्लिम लोग खुशी खुशी बरगद के पेड़ पर आरी चलाते दिखते हैं

Bangladesh : मजहबी उन्मादियों का दिमागी दिवालियापन हुआ साबित, फतवा देकर काटा बरगद का पुराना पेड़, हिन्दुओं में आक्रोश

स्व का भाव जगाता सावरकर साहित्य

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies