महाराष्ट्र

‘मनुष्य का सबसे बड़ा बल मनोबल’

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WEB DESK

गत दिनों पुणे में समदृष्टि, क्षमता विकास व अनुसंधान मंडल (सक्षम) का त्रैवार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ। इस दो दिवसीय अधिवेशन में 500 जिलों के 1,500 प्रतिनिधि उपस्थित रहे। अधिवेशन का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि न्यूनता हर किसी में होती है। हम सब अपूर्ण हैं। इस न्यूनता को परिपूर्णता की दिशा में ले जाने के लिए ईश्वर ने समाज के रूप में हमें दिव्यांगों का स्वाभिमान जाग्रत रखने हेतु सेवा का अवसर दिया है।

दिव्यांग व्यक्ति में क्या नहीं है, इसकी बजाए क्या है, इसे देखते हुए समाज उन्हें प्रोत्साहित करे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष पूज्य स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने कहा कि कई दिव्यांगों ने अपने प्रदर्शन से समाज को प्रेरणा देते हुए इतिहास रचा है।

मनोबल मनुष्य का उच्चतम बल होता है। सभी अंग ठीक-ठाक होने पर भी जिसके पास मनोबल न हो, वह दुर्बल बन जाता है और जिसके पास प्रबल मनोबल है, वह दिव्यांग होने पर भी सक्षम हो जाता है। जिसका आत्मविश्वास चला जाता है, उसका सब कुछ चला जाता है।

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