वर्षों से चीन की कम्युनिस्ट सरकार उइगर मुसलमानों को एक बड़े खतरे के तौर पर देखती आ रही है। यातना शिविरों आदि के खुलासे को साल 2019 में ही सामने आ चुके थे। खुद संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी इस पर रिपोर्ट दे चुके हैं। सिंक्यांग में मानवाधिकार हनन के हजारों मामले प्रमाण सहित बताए जा चुके हैं।
उइगर मुस्लिमों पर दमन के साक्ष्यों को चीन चाहे जितना नकारे लेकिन सच बार बार सामने आता रहा है। यातना शिविरों, विशेष पाबंदियों, उइगर महिलाओं के साथ अत्याचार आदि की बातें सप्रमाण साबित की जा चुकी हैं लेकिन हर मंच पर चीन के नेता उन्हें हंसी में उड़ाकर अपना दामन पाक—साफ दिखाने की असफल कोशिशें करते रहे हैं। जर्मन मीडिया का ताजा खुलासा एक बार फिर चीन की पाशविकता की कलई खोलता है।
जर्मनी के मीडिया समूह टेबल.मीडिया ने ऐसा राज उजागर किया है जो बताता है कि कैसे चीन प्रशासन ने उइगर मुस्लिमों पर हर घड़ी नजर रखने के लिए सैकड़ों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैमरे लगा रखे हैं। हैरान करने वाले विवरणों की ऐसी दस्तावेजी जानकारी विश्व में चीन की मंशाओं को लेकर नए सिरे से सनसनी मचा रही है।
टेबल.मीडिया ने बताया है कि जिन कागजों को आधार बनाकर यह राज खोला गया है वे शंघाई और सिंक्यांग प्रांतों के अनेक शहरों के साथ ही चीन के दक्षिण-पश्चिमी शहर चेंगदू के पुलिस विभाग से हाथ में आए हैं। ये साफ बताते हैं कि चीनी प्रशासन एआई संचालित कैमरों के जरिए उइगरों पर नजर रख रहा है। उसे पता है कि किस परिवार में क्या चल रहा है, कौन किससे मिल रहा है, बाजार में मजमा तो नहीं लगाया जा रहा आदि।
पता चला है कि ये ब्योरा गत 6 वर्ष का है। इसमें भी सबसे ताजा दस्तावेज पिछले साल से है। इससे पता चला है कि चीन में उइगर मुस्लिमों के चेहरों तक को एआई कैमरों से दर्ज किया जा रहा है, उनका रिकार्ड रखा जा रहा है। यह दस्तावेज बताता है कि उस प्रांत में पिछले कई साल से उइगरों की पहचान को दर्ज करने के इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि चीनी कम्युनिस्ट नेता उइगरों को लेकर सशंकित रहते हैं।
जर्मनी के उक्त मीडिया के हाथ आए दस्तावेज यह भी बताते हैं कि चीन के सुरक्षा अधिकारी बड़े सुनियोजित तरीके से उइगरों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करते आ रहे हैं। उन्हें दूसरे दर्जे के नागरिक के तौर पर देखा जाता है।
सिंक्यांग के एक ही शहर में उइगर बस्तियों में करीब 4000 तक कैमरे लगाए गए हैं जो दिन—रात उइगरों की गतिविधियों को रिकार्ड कर रहे हैं। उनके चित्र लेकर प्रशासन को उपलब्ध कराए गए हैं जिससे वे सावधान रहें। किसी भी उइगर के चित्र के साथ उसका पूरा लेखा—जोखा स्क्रीन पर आ जाता है। यह पूरा एआई डेटा संकलित किया जा रहा है।
आज से नहीं, वर्षों से चीन की कम्युनिस्ट सरकार उइगर मुसलमानों को एक बड़े खतरे के तौर पर देखती आ रही है। यातना शिविरों आदि के खुलासे को साल 2019 में ही सामने आ चुके थे। खुद संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी इस पर रिपोर्ट दे चुके हैं। सिंक्यांग में मानवाधिकार हनन के हजारों मामले प्रमाण सहित बताए जा चुके हैं।
यातना शिविरों में उइगरों को जबरदस्त यातनाएं दी जाती हैं। कई अंतरराष्ट्रीय अखबार इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट छाप चुके हैं, लेकिन न तुर्किए, न पाकिस्तान चीन के विरुद्ध मुंह खोलने की हिम्मत करता है।
यातना शिविरों में उइगर महिलाओं के साथ यौन अपराधों की भी जानकारी मिलती रही है। एक रिपोर्ट बताती थी कि चीन के सुरक्षाकर्मी पुरुषों को अलग यातना शिविर में बंद करके दूसरे में उनकी महिलाओं के साथ दुष्कर्म करते हैं। उइगर महिलाओं की जबरिया नसबंदी आदि के प्रमाण तो बहुत पहले सार्वजनिक किए जा चुके हैं।
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