जी 7 शिखर वार्ता के लिए अपने इटली के दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वहां अन्य अंतरराष्ट्रीय नेताओं के अलावा कैथोलिक जगत के सर्वोच्च पांथिक नेता पोप से भी अलग से मिले। मोदी की पोप से सौजन्य भेंट ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी हैं। दोनों नेताओं ने गले लगकर एक दूसरे का अभिनंदन किया और एक दूसरे की कुशलक्षेम जानी।
प्रधानमंत्री के नाते अपने तीसरे कार्यकाल की शपथ लेने के फौरन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली एक दिवसीय विदेश यात्रा थी। इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन की ‘साइडलाइन’ प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रां से मिले।
इस अवसर पर ‘आउटरीच’ सत्र में मोदी पोप फ्रांसिस से भेंट करने पहुंचे थे। सौजन्य भेंट में उनका हालचाल पूछने के बाद मोदी ने सर्वोच्च कैथोलिक पांथिक नेता, वेटिकन सिटी के अधिपति 87 वर्षीय पोप फ्रांसिस को भारत यात्रा पर आने का न्योता दिया। दोनों ने गले मिलकर पारस्परिक सौहार्द का संदेश दिया। यहां बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अक्तूबर 2021 में भी पोप फ्रांसिस से वेटिकन में भेंट की थी। उस भेंट में दोनों के बीच कोविड-19 की महामारी तथा विश्व भर में लोगों पर इसके दुष्प्रभावों के संबंध में बात हुई थी। तब दोनों ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर भी बात की थी।
जी 7 के मौके पर पोप ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका तथा भूमध्य सागर से जुड़े विषयों पर ‘आउटरीच’ सत्र को संबोधित किया था। अपने भाषण में पोप ने कहा कि हममें से हर एक पर निर्भर करता है कि एआई का और अच्छे से उपयोग किया जाए। पोप के इस सत्र में जी 7 के तमाम नेता तथा ‘ग्लोबल साउथ’ के प्रमुख नेता सम्मिलित हुए थे।
मोदी—पोप भेंट के बाद, सूत्रों ने बताया है कि संभवत: अगले साल पोप भारत की यात्रा करें। अपनी इस भेंट के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, ”जी 7 शिखर वार्ता के दौरान पोप फ्रांसिस से भेंट की। मैं जन सेवा और हमारी धरती को बेहतर बनाने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा करता हूं। मैंने उन्हें भारत आने का न्योता भी दिया है।”
जी 7 के मौके पर पोप ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका तथा भूमध्य सागर से जुड़े विषयों पर ‘आउटरीच’ सत्र को संबोधित किया था। अपने भाषण में पोप ने कहा कि हममें से हर एक पर निर्भर करता है कि एआई का और अच्छे से उपयोग किया जाए। पोप के इस सत्र में जी 7 के तमाम नेता तथा ‘ग्लोबल साउथ’ के प्रमुख नेता सम्मिलित हुए थे।
मोदी—पोप भेंट के संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि भारत और ‘होली सी’ (वेटिकन में कैथोलिक चर्च की सरकार के लिए प्रयोग किया जाने वाला संबोधन) के आपस में दोस्ताना संबंध हैं। दोनों देशों में 1948 में राजनयिक संबंधों की स्थापना हुई थी, तबसे ही संबंध मधुर बने हुए हैं। बता दें कि भारत एशिया में दूसरी सबसे बड़ी कैथोलिक आबादी वाला देश है।
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