दिल्ली प्यासी है और सरकार सो रही है, दिल्ली में टैंकर माफिया सक्रिय है। सरकारी पाइप लाइनों से पानी चोरी हो रहा है दिल्ली सरकार की तरफ ये सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा से पानी दिलवाने की याचिकाएं लगाई जा रही हैं।
सबसे बुरी स्थिति दक्षिणी दिल्ली में है। जहां सबसे ज्यादा पानी की किल्लत है। दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार, घिटोरनी, ओखला, पहाड़ी धीरज, देवली आदि इलाकों में बड़ी संख्या में टैंकर माफिया सक्रिय है।
संगम विहार में रहने वाले अरुणा यादव ने बताया कि यहां पर पिछले एक महीने से पाने का पानी नहीं है। नतीजतन टैंकरों से पानी खरीदना पड़ रहा है। टैंकर पानी कहां से लेकर आते हैं पता नहीं पर लोग इन्हीं पर निर्भर हैं। पहले जहां 20 लीटर पानी की एक केन 30 रुपए तक मिल जाती थी अब गर्मी बढ़ने के बाद वह 40 से 60 रुपए तक मिल रही है।
ओखला फेज दो स्थित संजय कालोनी के रहने वाले विवेक बताते हैं कि लोग यहां एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। यहां के लोगों को दिनभर टैंकर के भरोसे ही रहना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि यहां पर सुबह से ही पानी के लिए स्थानीय लोगों की लंबी कतार लग जाती है। जैसे ही टैंकर पहुंचता है तो पानी भरने के लिए आपाधापी मच जाती है। इस चक्कर में कई बार यहां आपस में झगड़े भी हो जाते हैं।
यहीं की रहने वाली ललतेश बताती हैं कि मगर गर्मी शुरू होते ही संजय कालोनी में पानी की भारी किल्लत शुरू हो जाती है। हर बार हमें आश्वासन दिया जाता है कि इस बार स्थिति ठीक हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं होता, अब दिल्ली में प्रचंड गर्मी पड़ रही है और यहां पर पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। वह कहती हैं कि पानी के लोग यहां पर लोग सुबह पांच बजे से ही सड़क पर कतार लगाकर खड़े हो जाते है, ताकि दिनभर के पानी का इंतजाम कर सके। जैसे ही टैंकर आता है तो लोग पानी के लिए टूट पड़ते हैं। एक दूसरे को धक्का देकर पहले पानी भरने का प्रयास करते हैं। हालत यह है कि पानी के लिए लोग जान जोखिम में डालकर टैंकर के ऊपर चढ़ जाते हैं।
यहीं के रहने वाले देवेंद्र बताते हैं कि हमें तो मुफ्त में भी पानी नहीं चाहिए, हमें भले ही पानी का बिल ले लो लेकिन पानी तो दो। रोजाना 80 रुपए का पानी खरीदना पड़ता है। वो भी साफ नहीं होता। वह कहते हैं यदि वास्तव में जल बोर्ड पानी नहीं दे पा रहा है तो फिर प्राइवेट टैंकर वाले कहां से पानी लेकर आ रहे हैं। जाहिर बात है पानी की चोरी की जा रही है और वहीं पानी लोगों को बेचा जा रहा है।
यहीं के रहने वाले स्थानीय निवासी बिजेंद्र कहते हैं कि जल बोर्ड की तरफ से कालोनी में पर्याप्त पानी नहीं भेजा जा रहा है। इस वजह से निजी टैंकर माफिया यहां पर सक्रिय हैं। यहां सुबह से पानी के लिए लाइन में लगना पड़ता है। इसके बावजूद एक या दो बाल्टी पानी ही पूरे दिन के लिए मिल रहा है। शाम को कभी कभी जल बोर्ड की तरफ से टैंकर भेजे जाते हैं।
जैतपुर और हरि नगर एक्सटेंशन में भी लोग पीने के पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे है। जैतपुर की आबादी करीब 50 हजार है। पिछले कई माह से सड़कों की स्थिति खराब होती जा रही है। पानी निकासी के लिए सीवर लाइन बिछाई गई थी, लेकिन सीवर लाइन बिछाते समय सड़क टूट गई। जल बोर्ड ने लाइन बिछाने के बाद सड़कों की मरम्मत तक नहीं कराई। जैतपुर स्थित हरिनगर एक्सटेंशन में एक माह से पानी नहीं आ रहा है। इसकी वजह से उन्हें पीने के पानी के लिए लोगों को आरओ प्लांट पर जाना पड़ रहा है। वहां से तीस रुपए में पानी खरीदकर लाना पड़ता है।
नहीं रुक रही पानी की बर्बादी
दिल्ली में लोग पानी के भले ही त्राहिमाम कर रहे हों लेकिन दिल्ली में जगह जगह पानी की बर्बादी जारी है। इंटरनेट मीडिया पर बहुत सारे ऐसे वीडियो हैं बावजूद इसके जलबोर्ड के अधिकारी इस संबंध में कोई सुध नहीं रहे हैं। मथुरा रोड पर बारापुला फ्लाइओवर नीचे पानी की पाइपलाइन पुरानी होने की वजह से दो जगह से लीक है। यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है, लेकिन लीकेज को अभी बंद नहीं किया गया है। इसी तरहलाल बहादुर शास्त्री मार्ग (बीआरटी) पर कृषि विहार के नाले के ऊपर से गुजर रही जल बोर्ड की पाइप लाइन का वाल पिछले काफी समय से लीक हो रहा है। इससे भी रोज पानी की बर्बादी हो रही है।
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