छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सोमवार को हंगामा हुआ। भीड़ ने कलक्ट्रेट को घेर लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। बलौदाबाजार की घटना का अवलोकन करें तो यह पूर्व नियोजित समझ में आती है। सतनामी समाज का आक्रोश केवल जैतखाम तोड़े जाने को लेकर नहीं था। वास्तव में, कुछ दिनों पहले बलौदाबाजार जिले के सुहेला ब्लॉक के कुछ गाँवों में मंदिरों में स्थापित मूर्तियों को तोड़े जाने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से सभी सतनामी समाज से सम्बन्ध रखते हैं। इसलिए बलौदाबाजार में हुई इस सुनियोजित घटना को
इस दूसरे दृष्टिकोण से भी देखे जाने की आवश्यकता है
इस आंदोलन में सतनामी समाज के लोग शामिल थे, लेकिन इस आंदोलन को भड़काने और कलेक्ट्रेट में आग लगाने के पीछे वामपंथियों के साथ मिलकर काम करने वाला संगठन भीम आर्मी प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। साथ ही, कांग्रेस के नेताओं ने भी शुरू से ही इस विवाद में रुचि दिखाते हुए इसे बढ़ाने का प्रयास किया। बलौदाबाजार तथा इससे लगे जाँजगीर-चाँपा जिले में अनुसूचित जाति के बीच बहुत से संगठन वर्षों से काम कर रहे हैं। इसके अलावा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के बीच ईसाई मिशनरियों के द्वारा भी लगातार काम किया जा रहा है। इस विवाद में ईसाई मिशनरियों, भीम आर्मी से जुड़े संगठनों तथा कांग्रेस ने संयुक्त रूप से मिलकर सतनामी समुदाय को भड़काने का काम किया है।
ये है घटना
गिरौदपुरी के समीपस्थ गाँव मानाकोनी में जैतखाम तोड़े जाने की घटना को लेकर सोमवार, 10 जून 2024 को सतनामी समाज द्वारा बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में विरोध-प्रदर्शन तथा कलेक्ट्रेट घेराव का आह्वान किया गया, जिसमें लगभग 3 से 4 हजार लोग सम्मिलित हुए। कलेक्ट्रेट घेराव के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आग लगा दी। वहाँ खड़े वाहनों के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक सम्पत्तियों की तोड-फोड़ भी की, जिसमें लगभग 30 से अधिक कारों और उतनी ही संख्या में दोपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचा। यहाँ तक कि फायर-ब्रिगेड की गाड़ी को भी इन प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस का भी समर्थन मिला था। इसमें भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव तथा बिलाईगढ़ से कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे भी शामिल हुए थे। इनमें से कविता प्राण लहरे कन्वर्टेड ईसाई हैं।
सतनाम समुदाय के आस्था स्थल
सतनामी समाज की आस्था के प्रमुख केन्द्र गिरौदपुरी धाम से लगे हुए मानाकोनी गाँव के निकट गुरु घासीदास जी के ज्येष्ठ पुत्र गुरु अमरदास जी के नाम से अमर गुफा स्थित है। यहाँ गुरुगद्दी व जैतखाम दोनों स्थापित हैं। प्रतिदिन पुजारी सुबह-शाम पूजा भी करते हैं। यह स्थान सतनाम पंथ के प्रमुख आस्था केंद्र गिरौधपुरी से महज 5 किलोमीटर की ही दूरी पर है ।
वर्तमान विवाद का मूल कारण
गत 15 मई की रात को कुछ असामाजिक तत्वों ने यहाँ (मानाकोनी में) तीनों जैतखामों को गिरा दिया। इसी के बाद से यह विवाद उठा। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो मूलतः दूसरे राज्य के रहने वाले हैं। ये लोग मानाकोनी गांव के एक ठेकेदार के अंतर्गत पानी टंकी निर्माण कार्य के लिए आए थे। ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण होने के बाद भी उनका भुगतान नहीं होने पर वे ठेकेदार से नाराज थे। इन गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है कि रात को शराब के नशे में उन्होंने पवित्र जैतखाम को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन सतनामी समाज के लोगों का मानना है कि इस घृणित कार्य में अन्य लोगों का हाथ है, जिन्हें अबतक नहीं पकड़ा गया है।
ये है घटनाक्रम
* 15 मई : सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी दूर मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिह्न जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
* 16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया
* 17 मई : पुलिस में मामला दर्ज कर किया
* 19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का जाम किया था। इस दौरान समाज के गुरु और पूर्व मंत्री रुद्रकुमार ने कार्रवाई की मांग की, वहीं गुरु खुशवंत साहेब ने कांग्रेस सरकार में हुए प्रदर्शन की याद दिलाई
* 19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी
* 20 मई : समाज के लोगों की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि गलत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जो दोषी हैं, उन्हें पकड़ा जाए। वहीं आंदोलन की रूप रेखा तैयार हुई
* 21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे
* 08 जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही जांच में तेजी लाने की बात कही गई
* 09 जून: डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए
* 09 जून : इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी
* 10 जून : इसी प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया।
आंदोलन में शामिल संगठन
1. सतनामी युवा एकता छत्तीसगढ़
2. मिनीमाता नारी शक्ति
3. भीम क्रांतिवीर छत्तीसगढ़
4. भीम रेजिमेंट छत्तीसगढ़
5. भीम आर्मी छत्तीसगढ़
6. भीम आर्मी भारत एकता मिशन छत्तीसगढ़
7. सतनामी समाज छत्तीसगढ़
8. अखिल भारतीय छत्तीसगढ़ सतनाम सेना
इन संगठनों से जुड़े कुछ प्रमुख नाम
1. किशोर नवरंगे – संस्थापक (भीम क्रांतिवीर छत्तीसगढ़)
2. रेखराम सोनवानी – प्रदेश महासचिव (भीम क्रांतिवीर छत्तीसगढ़)
3. सुरेंद्र रत्नाकर – प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ (भीम रेजिमेंट छत्तीसगढ़)
4. दिनेश चतुर्वेदी – प्रदेश अध्यक्ष (भीम रेजिमेंट)
5. उमेश सोनवानी – सह संस्थापक (भीम रेजिमेंट)
6. संजीत बर्मन
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