कर्णावती । गुजरात में अधिकारियों की तरफ से बढ़ रहे भ्रष्टाचार को नियंत्रण में लाने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस साल रिश्वत लेने के 104 केस कर 10 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की 25.04 करोड़ कि बेनामी संपत्ति खोज निकाली है। सरकारी विभागों में चल रहे भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी मिलने पर एसीबी ने छापे मार कर 13 अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं।
गुजरात सरकार सरकारी विभागों में चल रहे भ्रष्टाचार को नाबुद करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए एंटी करप्शन ब्यूरो को सरकार की तरफ से कड़े निर्देश दिए गए हैं।
सरकार ने शुरू किया CARE कार्यक्रम
सरकार को जानकारी मिली थी कि एंटी करप्शन ब्यूरो में रिश्वत के बारे में शिकायत दर्ज कराने के बाद शिकायतकर्ता को संबंधित सरकारी विभाग की तरफ से परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस प्रकार की कई शिकायतें सरकार को मिली थी। इस स्थिति को सुधारने के लिए एवं शिकायतकर्ता को न्याय और रक्षण देने के लिए सरकार की तरफ से CARE (Caring of Applicant & Responding Effectively) कार्यक्रम शुरू किया गया है।
रिश्वत के केस में कनविक्शन रेट बढ़ा
CARE कार्यक्रम के तहत 900 से ज्यादा शिकायतकर्ताओं का संपर्क किया गया है। पहले रिश्वत के केस में कनविक्शन रेट बहुत कम था लेकिन अब सरकार के कड़े रुख की वजह से कनविक्शन रेट बढाने के लिए कमेटी की रचना भी की गई है। हर महीने इस कमेटी की बैठक भी आयोजित की जाती है। कमेटी की रचना होने के बाद इस साल के फर्स्ट क्वार्टर में ही कनविक्शन रेट 46% रहा। मोरबी सेशन्स कोर्ट में एक ही दिन में एसीबी के अलग-अलग तीन केसों में आरोपियों को दोषी ठहराकर जेल की सजा और नकद भुगतान सुनाया गया।
ठोस जांच के लिए विषय विशेषज्ञों की ली जा रही है मदद
अनुपातहीन संपत्ति एवं रिश्वत के केसों में ठोस जांच हो एवं ज्यादा अच्छे तरीके से सबूत भी इकट्ठे किए जाए इसलिए अलग-अलग विषय विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है। इतना ही नहीं स्पाई कैमरा, वॉइस रिकॉर्डर और अन्य अध्ययन साधन भी खरीदे जा रहे हैं।
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