‘हीरामंडी’ की भयावह यादें
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

‘हीरामंडी’ की भयावह यादें

हीरामंडी से बलोचों की भयावह यादें जुड़ी हैं। इनकी महिलाओं-बच्चियों को इसी बाजार में कभी भेड़-बकरियों की तरह बेचा गया था

by अरविंद
Jun 8, 2024, 07:50 pm IST
in विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

इन दिनों नेटफ्लिक्स पर संजय लीला भंसाली की सीरीज ‘हीरामंडी’ चल रही है, इससे लाहौर की तंग गलियां दुनियाभर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं। आज भी इस इलाके की गलियों में वक्त की परतें झांकती मिल जाएंगी। हर परत की अपनी-अपनी कहानी है। अदब की तालीम देते-देते जिस्मफरोशी का अड्डा बन जाने और दफन हो गए अनगिनत ख्वाबों की चश्मदीद हैं ये गलियां। समय के साथ उग आए आधुनिक मकानों और छोटे-छोटे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के बीच से झांकतीं हवेलियां, गली की ओर खुलते इनके हर झरोखे के पास अपनी एक कहानी है। इन्हीं हवेलियां में कहीं दफन हैं वे कहानियां भी जिनकी यादें बलूचों को बेचैन कर देती हैं।
कभी शहजादों को अदब और तहजीब सिखाने वाली इन गलियों में मुगलों के दौरान ही उज्बेकिस्तान और उसके आसपास के इलाकों से लाई गई औरतों को बसा दिया गया और फिर धीरे-धीरे यह इलाका जिस्मफरोशी का अड्डा बन गया। आज दिन में हीरामंडी किसी भी दूसरे पुराने इलाके जैसा दिखता है जो अपनी पुरानी पहचान को उतार फेंकने के लिए बेताब हो। लेकिन शाम गहराते यहां जिस्मफरोशी का वह दौर टूटी-फूटी हवेलियों के कोनों में जिंदा हो उठता है।

फौजी जुल्म

बलूचों के लिए जिस्मफरोशी के इस बाजार से जुड़ी खौफनाक यादें हैं। यहां की हवेलियों ने उन बलूच औरतों के दर्द को बड़े करीब से देखा है, जिन्हें फौज ने यहां के बाजार में बेच दिया था। पाकिस्तान के मामलों को शुरू से ही तय करने में अहम भूमिका निभाने वाली फौज का दबदबा ऐसा रहा कि बलूच लड़कियों-बच्चियों पर हो रहे जुल्म की जो भी बातें उस दौर में सामने आईं, उनमें शासन-प्रशासन का आम तौर पर ‘कोई हाथ नहीं दिखता’ था। कुछ लोगों की कोशिशों की बदौलत इस तरह की बातों का खुलासा हो सका।

बलूचिस्तान की मुश्किलें तो कभी कलात के खान के वकील रहे मोहम्मद अली जिन्ना के पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनने के साथ ही शुरू हो गई थीं। जिन्ना ने फौज भेजकर कलात पर जबरन कब्जा किया और फिर वहां आजादी की लड़ाई को दबाने के लिए फौजी जुल्म का दौर शुरू हो गया। उसी समय से बलूचिस्तान में कई जगहों पर सैनिक छावनी बना दी गई थी ताकि बलूचों के किसी भी संभावित विद्रोह से निपटा जा सके, भुट्टो के दौरान वहां बड़ी संख्या में सैनिक भेजे गए और इसी के साथ बलूचिस्तान में महिलाओं-लड़कियों पर फौजी जुल्म बढ़ता चला गया। क्वेटा के जानीसार बलोच कहते हैं, ‘उस दौर में फौज ने बड़ी तादाद में बलूच औरतों को अगवा किया। उन्हें कई दिनों तक फौजी ठिकानों पर रखकर उनके साथ हैवानियत की गई और फिर उन्हें हीरामंडी में बेच दिया गया। उन दिनों हीरामंडी में भेड़-बकरियों की तरह बलूच औरतों की खरीद-फरोख्त हुई। इन बलूच औरतों को ‘सेक्स स्लेव’ बना दिया गया था और उन्हें खरीदकर अरब मुल्कों तक में ले जाया गया।”

बलूच आज भी उस दौर को याद करके सिहर उठते हैं। जानीसार बताते हैं, ‘तब शेर मोहम्मद मर्री को इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं कि बड़ी तादाद में बलोच औरतों को फौज अगवा करके ले गई है। कुछ लोगों ने गायब लड़कियों का ब्योरा शेर मोहम्मद को दिया था और वह लगातार उन लड़कियों को खोज रहे थे। कई बार उन्होंने पुलिस के पास अपने लोग भेजे, लेकिन कोई फायदा न हुआ। आखिरकार उनमें से कुछ लड़कियां हीरामंडी में मिलीं जिन्हें खरीदकर शेर मोहम्मद ने उन्हें आजाद कराया। उन्होंने एक वीडियो में इसका जिक्र भी किया था।’

शेर मोहम्मद मर्री उन पहले लोगों में थे जिन्होंने बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अवैध कब्जे के खिलाफ गुरिल्ला लड़ाई शुरू की थी। ‘जनरल शेरो’ के नाम से मशहूर शेर मोहम्मद करीब नौ सालों तक पहाड़ों-जंगलों में रहते हुए पाकिस्तानी सेना पर हमले करते रहे। भूमिगत रहते हुए उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के अवैध कब्जे का विरोध करते हुए बताया था कि कैसे पाकिस्तान की सरकारें बलूचों के संसाधनों का दुरुपयोग करती रहीं। उसी वीडियो में उन्होंने कहा, “ हमारी बेटियों को मवेशियों की तरह खरीदा-बेचा जाता है। लेकिन ये लोग मानते नहीं। जो जानना चाहते हैं, मेरे सामने आएं। मैं उन लड़कियों को सामने खड़ा कर दूंगा जिन्हें खुद मैंने मंडियों से पैसे देकर छुड़ाया।” बाद के समय में बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के लिए काम करने वालों ने मर्री के उस वीडियो के सबूत की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा।

जुल्म का सिलसिला

बांग्लादेश के आजाद होने के बाद बलूचों पर जुल्म का सिलसिला और तेज हुआ और उसी अनुपात में बलूच औरतों ने भी हैवानियत सहे। वैसे, बलूच महिलाओं पर फौजी जुल्म का सिलसिला कभी खत्म नहीं हुआ। राजनीतिक कार्यकर्ता हुनक बलोच कहते हैं, “पाकिस्तानी फौजी बलूच औरतों पर कैसे-कैसे जुल्म करती है, उन्हें कैसे ‘सेक्स स्लेव’ की तरह इस्तेमाल किया जाता है, यह बात समय-समय पर सामने आती रही है। लाहौर की हीरामंडी ही नहीं ऐसे दूसरे बाजारों में भी बलूच बच्चियां पाई गई हैं जिन्हें फौज ने कुछ दिन की जोर-जबर्दस्ती के बाद बेच दिया था।”

हुनक कहते हैं, “ वो 2005 का साल था। कश्मीर में आए भूकंप की वजह से मुजफ्फराबाद में खासा नुकसान हुआ था। उस दौरान वहां से भी कई लड़कियां अगवा कर ली गई थीं। यही है पाकिस्तानी फौज की फितरत। फौज के लिए बलूचों पर जुल्म करने का एक तरीका हमारी बच्चियों के साथ हैवानियत करना है। ऐसे ढेरों वाकये हैं जब कोई बच्ची उठाई गई और पाई गई किसी सुदूर मंडी में।”

औरतें क्यों हैं निशाना

बलूच समाज में औरतों को काफी इज्जत के साथ देखा जाता है और यही कारण है कि उनके यहां औरतों के खिलाफ अपराध की दर काफी कम है। पाकिस्तान की फौज का बलूच औरतों और बच्चियों को निशाना बनाने का एक बड़ा कारण आजादी की लड़ाई लड़ रहे बलूचों के हौसले को तोड़ना है। हुनक कहते हैं, “यह पाकिस्तान की मध्ययुगीन मानसिकता है। उनके समाज में औरतों को जैसे भी देखा जाता हो, हमारे लिए हमारी औरतें, हमारी बच्चियां जान से भी प्यारी हैं। यह एक बड़ी वजह है कि बलूच हर हाल में आजादी चाहते हैं। हमारी कौम ने आने वाली नस्लों की अच्छी जिंदगी के लिए अपने आज को कुर्बान कर दिया है और यह जद्दोजहद तक तक जारी रहेगी, जब तक बलूचिस्तान अपनी आजादी वापस नहीं पा लेता।”

हुनक कहते हैं, “बलूचिस्तान में औरतों के खिलाफ हो रहे जुल्म की एक छोटी सी झलक ‘हीरामंडी’ से मिलती है। जितने मामले सामने आए हैं, उनसे कहीं ज्यादा मामले कभी सामने ही नहीं आ पाए। ‘जबरन लापता’ ऐसा लफ्ज है, जिसने बलूचों की अंतहीन तकलीफों और रूह को कंपा देने वाली अनगिनत कहानियों को समेट रखा है। लोग आए दिन गायब कर दिए जाते रहे हैं। मर्दों के साथ मारपीट किया जाता रहा और औरतों-बच्चियों के साथ हैवानियत।”

किसी भी सभ्य समाज में राजनीतिक उद्देश्यों को पाने के लिए या किसी से बदला लेने के लिए औरतों-बच्चों पर जुल्म ढाना एक अक्षम्य अपराध होता है और इसे झेलने वाले समाज के लिए यह क्रोध और हताशा का ऐसा मिला-जुला भाव होता है जो उसके अंदर कुछ कर-गुजरने की आग को जलाए रखता है। हीरामंडी और इस जैसे जिस्मफरोशी के छोटे-बड़े बाजार बलूचों के दर्द को हरा करने वाले हैं।

Topics: uzbekistanMuhammad Ali Jinnahसंजय लीला भंसालीपाकिस्तान का गवर्नर जनरलशेर मोहम्मद मर्रीSanjay Leela BhansaliGovernor General of PakistanSher Mohammad Marriउज्बेकिस्तानमुहम्मद अली जिन्ना
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष

भारतीय संविधान में सभी की प्रगति की भावना पर जोर : लोकसभा अध्यक्ष

उज्बेकिस्तान ने मुस्लिम शैली की दाढ़ी पर लगाया प्रतिबंध, दाढ़ी रखने वालों को 400 डॉलर का जुर्माना देना होगा

Indian army

उज्बेकिस्तान में 15 से 18 अप्रैल के बीच होगा भारतीय सेना का ‘डस्टलिक-2024’ सैन्य अभ्यास

बी. संजय कुमार  एवं टी. राजा सिंह

तब्लीगी जमात पर कांग्रेस मेहरबान

UP News: भारत-नेपाल सीमा पर उज्बेकिस्तान की महिला गिरफ्तार, फर्जी आधार कॉर्ड बरामद 

‘नेताजी होते तो देश का नहीं होता बंटवारा’, भारत-पाकिस्तान पर NSA अजीत डोभाल का बड़ा बयान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies