अहमदाबाद साइबर क्राइम ने दो आरोपियों को सूरत से गिरफ्तार किया है, जो एक प्राइवेट कंपनी के प्रेसिडेंट से सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन (CBI) के नाम पर फर्जी कॉल कर 1.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में शामिल थे। यह दोनों आरोपी चाइनीस गैंग के साथ जुड़े हुए पाए गए हैं, जिसके चलते अब अहमदाबाद साइबर क्राइम केंद्र की एजेंसी की मदद से चीन में संपर्क कर आगे की जांच करेगी।
घटना की शुरुआत
12 मार्च को अहमदाबाद स्थित एक प्राइवेट कंपनी के प्रेसिडेंट शैलेंद्रराज मेहता को एक कॉल मिला। कॉल पर उन्हें बताया गया कि उनके फेडेक्स पार्सल में पासपोर्ट और ड्रग्स पाए गए हैं और उनके खिलाफ गैरकानूनी आर्थिक व्यवहार के आरोप लगाए गए हैं। इस झूठे आरोप से डराकर उनसे 1.15 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई।
साइबर क्राइम की कार्यवाही
अहमदाबाद साइबर क्राइम ने इस मामले में तुरंत शिकायत दर्ज की और जांच शुरू की। जांच के दौरान, राजकोट समेत कई शहरों से 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सामने आया कि धोखाधड़ी के पैसे सूरत निवासी वीरेन आसोदिया के बैंक अकाउंट में भेजे गए थे। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने वीरेन को भी गिरफ्तार कर लिया।
चीन के साथ संपर्क का खुलासा
वीरेन की पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि वह बिनान्स एप्लीकेशन के जरिए चीन के नौ लोगों के संपर्क में था। उसके पास से 51 फर्जी अकाउंट भी मिले, जिनके संदर्भ में देशभर में साइबर क्राइम की 610 शिकायतें दर्ज हुई थीं। इसके अलावा, वीरेन के सहयोगी प्रदीप माणिया का नाम भी सामने आया, जिसे भी गिरफ्तार किया गया। प्रदीप ने 2018 से बिनान्स, बिटपल, ट्रोनलिंक समेत कई एप्लीकेशनों के जरिए 700 करोड़ रुपये के क्रिप्टो ट्रांजैक्शन किए थे।
भविष्य की जांच
इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद, अहमदाबाद साइबर क्राइम अब केंद्र सरकार की एजेंसी की मदद से चीन में संपर्क कर आगे की जांच करेगी। इन दोनों आरोपियों ने इतने सालों तक ऑनलाइन धोखाधड़ी की जिसके बाद ये पहली बार पुलिस के हाथ लगे हैं। अब यह देखना होगा कि इस अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी के मामले में और कौन-कौन से खुलासे सामने आते हैं और इसमें और कितने लोग शामिल हैं।
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