क्या Taiwan को China की झोली में डालना चाहती है विपक्षी Nationalist Party? नए प्रस्तावों पर जनता में आक्रोश
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

क्या Taiwan को China की झोली में डालना चाहती है विपक्षी Nationalist Party? नए प्रस्तावों पर जनता में आक्रोश

अमेरिका सहित कई बड़े देश ताइवान की संप्रभुता को मान्य करते हैं। उन्होंने संसद में पारित हुए नए प्रस्तावों की भर्त्सना की है

by WEB DESK
May 29, 2024, 12:19 pm IST
in विश्व
संसद के सामने हजारों लोग इकट्ठे हो गए और नेशनलिस्ट पार्टी सहित पारित हुए इन प्रस्तावों का विरोध जताने लगे

संसद के सामने हजारों लोग इकट्ठे हो गए और नेशनलिस्ट पार्टी सहित पारित हुए इन प्रस्तावों का विरोध जताने लगे

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चीन से अलग ताइवान एक संप्रभु देश है, लेकिन चीन हमेशा से उसे अपना हिस्सा बताते हुए उसे ‘मुख्यभूमि’ से येन केन प्रकारेण मिलाने की कसमें खाता रहा है। ताइवान स्वायत्तशासी देश है जबकि चीन अपने विस्तारवाद के मद में डूबा उसे कब्जाने की साजिशें रचता रहा है। आएदिन कम्युनिस्ट ड्रैगन ताइवान की सीमा पर लड़ाकू जहाज भेजकर घुड़कियां दिखाता है।


टापू देश ताइवान की संसद में जो कुछ चल रहा है और उसका जो परिणाम निकल रहा है वह असाधारण है। वहां की मुख्य विपक्षी नेशनलिस्ट पार्टी क्या देश को चीन को तश्तरी में सजाकर देने की साजिश रच रही है। आखिर रक्षा बजट में कमी लाने के उसके प्रस्ताव के यही मायने नहीं हैं कि ताइवान अपनी रक्षा में कमजोर रहे और चीन जब चाहे उसे दबोच ले?

राजधानी ताइपे में आम जन कल उस समय हैरान रह गए जब संसद में बहुमत वाली, चीन की तरफ झुकाव रखने वाली नेशनलिस्ट पार्टी ने देश के रक्षा बजट में कटौती का प्रस्ताव पास करा लिया। यह प्रस्ताव न सिर्फ वहां नए बने राष्ट्रपति लाई की शक्तियों को छीजता है बल्कि चीन की विस्तारवादी धमक से टकराने की शक्ति भी कम करने वाला प्रतीत होता है।

राष्ट्रपति लाई चिंग-ते

साफ है कि ताइवान की विपक्षी पार्टी के सांसद चीन के प्रति मोहग्रस्त हैं अन्यथा रक्षा बजट में कमी लाने जैसे प्रस्ताव के पारित होने का सवाल ही पैदा नहीं होता था, खासकर ऐसे वक्त पर जब चीन बहुत ज्यादा आक्रामक दिख रहा है। ताइवान की सीमाओं पर उसे लड़ाकू जहाज मंडरा रहे हैं और बीजिंग गत कई दिनों से धमकीभरी भाषा बोल रहा है।

संसद पर जिस नेशनलिस्ट पार्टी का वर्चस्व है, उसने ऐसे प्रस्ताव कैसे पारित कराए जो राष्ट्रपति की ही शक्तियों को घटाते हैं और देश के चीन से जूझने के जज्बे को कुंद करते हैं? क्योंकि ताइवान की जनता इन प्रस्तावों के पारित होने पर ताव में आ गई है। कल तो संसद के सामने हजारों लोग इकट्ठे हो गए और नेशनलिस्ट पार्टी सहित पारित हुए इन प्रस्तावों का विरोध जताने लगे। संसद के बाहर कल तापमान उस वक्त गर्म हो गया जब आमजन ताइवान की सुरक्षा के सवाल पर एकजुट होकर नए राष्ट्रपति लाई के समर्थन में गुस्से में भरे विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

विरोध प्रदर्शन

उधर जिस वक्त संसद के अंदर ये प्रस्ताव रखे जा रहे थे तब भी पक्षा और विपक्ष एक दूसरे के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे और पोस्टर, बैनर लहरा रहे थे। सदन में बहस जारी थी लेकिन ऐसा शोर मच रहा था और आपस में गुत्थमगुत्था चल रही थी कि एक वक्त पर कुछ सुनाई तक नहीं दे रहा था। विपक्षी दल नेशनलिस्ट पार्टी और उस गुट वालों ने जो बदलाव किए हैं उनसे अब बजट के मामले में सदन को ज्यादा ताकत मिल गई है। इसी वजट में रक्षा खर्च तय होता है जिसे अब कम किए जाने की पूरी संभावना है और यह स्थिति चीन के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर ताइवान के राष्ट्रीय सोच वाले लोग इस चीज को चीन का हाथ मजबूत करने जैसा मान रहे हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है।

विरोध प्रदर्शन

चीन से अलग ताइवान एक संप्रभु देश है, लेकिन चीन हमेशा से उसे अपना हिस्सा बताते हुए उसे ‘मुख्यभूमि’ से येन केन प्रकारेण मिलाने की कसमें खाता रहा है। ताइवान स्वायत्तशासी देश है जबकि चीन अपने विस्तारवाद के मद में डूबा उसे कब्जाने की साजिशें रचता रहा है। आएदिन कम्युनिस्ट ड्रैगन ताइवान की सीमा पर लड़ाकू जहाज भेजकर घुड़कियां दिखाता है।

ऐसा नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में ताइवान अकेला पड़ा हुआ है। अमेरिका सहित कई बड़े देश ताइवान की संप्रभुता को मान्य करते हैं। उन्होंने संसद में पारित हुए नए प्रस्तावों की भर्त्सना की है। ताइवान में गत जनवरी में जो चुनाव हुए थे उनमें संसद में नेशनलिस्ट पार्टी का बहुमत हो गया था, लेकिन राष्ट्रपति पद डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के पक्ष में गया और तत्कालीन उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते राष्ट्रपति बने हैं। डीपीपी हमेशा से ताइवान की स्वतंत्रता के पक्ष में रही है और चीन की धुर विरोधी मानी जाती है।

Topics: democratic progressive partyChinataiwanचीनparliamentताइवानdefence budgetnationalist party
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

रोबोट ने मचाया तांडव

चीन की फैक्ट्री में रोबोट ने मचाया तांडव, बेकाबू मशीन ने किए हमले, कई मजदूर घायल

Representational Image

पाकिस्तान विरोधी मोर्चे में भारत के साथ आया रूस, जिन्ना के देश के छूटे पसीने, फौरन अपना दूत मॉस्को रवाना किया

Encounter between army and terrorist

इस कांग्रेसी नेता ने कहा-युद्ध हुआ तो हार जाएगा भारत

Representational Image

क्या सीआईए करने जा रही है म्यांमार में बड़ी फौजी हलचल? वाशिंगटन गए हैं बांग्लादेश के इंटेलिजेंस अधिकारी!

पोखरा हवाईअड्डा परियोजना न केवल नेपाल की आर्थिक स्थिति पर खराब असर डाल रही है, बल्कि चीन की कर्ज जाल की रणनीति को भी उजागर कर रही है

चीन के चक्कर में अपना खजाना लुटा रहा गरीब नेपाल, करोड़ों के पोखरा हवाईअड्डा प्रोजेक्ट में बीजिंग की धांधली

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई

अमेरिकी टैरिफ वॉर के बीच ईरान को क्यों आई भारत की याद?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies