दिल्ली की सियासत एक बार फिर गरमाई हुई है। आम आदमी पार्टी (AAP) की मंत्री आतिशी को मानहानि के एक मामले में अदालत ने 29 जून को तलब किया है। इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आशंका जताई है कि आतिशी की गिरफ्तारी हो सकती है। उन्होंने भाजपा पर आम आदमी पार्टी के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने और गिरफ्तारी करने का आरोप लगाया है।
केजरीवाल का बयान
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैंने पहले ही कहा था कि अब वह आतिशी को गिरफ्तार करेंगे। अब वह ऐसा करने की सोच रहे हैं। यह पूरी तरह तानाशाही है। पूरी तरह कमजोर, ओछे और झूठे केसों में वे आम आदमी पार्टी के नेताओं को एक के बाद एक गिरफ्तार कर रहे हैं।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि यदि मोदी सरकार सत्ता में बनी रही तो विपक्ष के हर नेता को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनके पास महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि देश को तानाशाही से बचाना है, ना कि आम आदमी पार्टी को। कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अंतरिम जमानत पर चल रहे अरविंद केजरीवाल मोदी सरकार पर उनकी पार्टी को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाते रहे हैं।
आप नेताओं की गिरफ्तारी और मौजूदा स्थिति
आप के प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन एक साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं। राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी हाल ही में जमानत पर बाहर आए हैं। इन नेताओं की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार का अधिकतर कामकाज आतिशी ही देख रही हैं, जो वर्तमान में दिल्ली सरकार के सबसे अधिक और महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाल रही हैं।
आतिशी के तेवर
कोर्ट के नोटिस के बावजूद आतिशी के तेवर नरम नहीं हुए हैं। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा को ऑपरेशन लोटस पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि कैसे गोवा, मणिपुर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, और अरुणाचल प्रदेश में बिना बहुमत के सरकार बनाई गई। आतिशी ने आरोप लगाया कि एनसीपी के नेताओं के भाजपा में शामिल होने पर उनके सीबीआई और ईडी के केस बंद हो जाते हैं।
भाजपा का पलटवार : मानहानि के आरोप
दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने आम आदमी पार्टी के नेताओं पर भाजपा की छवि खराब करने का आरोप लगाया था। उनका कहना है कि आप नेताओं ने यह कहकर भाजपा की मानहानि की है कि उनके नेताओं को 20-30 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया है। अडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तान्या बमनियाल ने प्रथम दृष्टया मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस नहीं माना, लेकिन आतिशी को तलब किए जाने के पर्याप्त आधार माने हैं।
दिल्ली की राजनीति में इस घटनाक्रम से हलचल मच गई है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच तीखी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। आगामी 29 जून को अदालत में पेशी के बाद इस मामले में आगे की स्थिति स्पष्ट होगी। तब तक दिल्ली की सियासत में उथल-पुथल जारी रहने की संभावना है।
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