उत्तराखंड

उत्तराखंड: लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद, समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी

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दिनेश मानसेरा

देहरादून: चार जून के बाद उत्तराखंड की धामी सरकार ,कई महत्वपूर्ण फैसले लेने जा रही है, जिनमें एक उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून व्यवस्था लागू करने का लिया जाने वाला है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता बिल को राज्यपाल के बाद देश की राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी है।

यूसीसी को उत्तराखंड लागू करने के लिए राज्य की धामी सरकार ने एक विशेषज्ञ कमेटी बनाई थी जिसके प्रमुख पूर्व प्रमुख सचिव शत्रुघ्न सिंह है, उनके साथ मनु गौड़ और अन्य विधि विशेषज्ञ भी शामिल है। श्री सिंह और श्री गौड़ पूर्व में यूसीसी के लिए बनी ड्राफ्ट कमेटी के भी सदस्य रह चुके हैं।

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने यूसीसी को लागू करने का जो संकल्प लिया है, वो संभवत चार जून के बाद कभी भी पूरा हो सकता है। इसके उत्तराखंड में लागू होने के बाद, बीजेपी शासित अन्य राज्य भी अपने अपने यहां समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए आगे बढ़ सकते हैं।

ये बात भी अब सामने आ चुकी है कि मोदी सरकार तीसरे टर्म में आयेगी तो वो देश भर में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के अपने संकल्प पत्र की एक घोषणा को अवश्य पूरा करेगी। देश के विपक्षी दल इंडी गठबंधन समान नागरिक संहिता का विरोध कर रहे हैं, बंगाल में ममता बनर्जी इसके विरोध में है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी ये कहते रहे हैं कि मोदी सरकार फिर से आई तो वो संविधान बदल देगी। दरअसल, राहुल गांधी यूसीसी को लागू करने को ही संविधान बदलने की बात से जोड़ रहे हैं। जबकि, समान नागरिक संहिता देश के संविधान में पहले से ही उल्लेखित है और उसे तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से देश में नेहरू गांधी खानदान ने लागू नहीं होने दिया।

यूसीसी भारत में अब लागू करने की बात हो रही है। जबकि, दुनिया के कई इस्लामिक और अन्य देशों में यूसीसी पहले से लागू है। हकीकत तो ये है कि यूसीसी यदि पूरे देश में एक साथ लागू हो गया तो इसका सबसे ज्यादा फायदा मुस्लिम महिलाओ को होने वाला है। जिन्हें तीन तलाक, हलाला, से मुक्ति तो मिलेगी ही उनकी शादी की उम्र भी बालिग होने के बाद की लागू हो जायेगी।

महिलाओं,बच्चों और बुजुर्गो के अधिकार भी ज्यादा प्रभावी हो जायेंगे। सबसे खास बात ये कि लिविंग रिलेशन में रहने वाले युवक युवतियों को भी पंजीकरण करना आवश्यक हो जायेगा जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी चाहते हैं कि आने वाले सौ दिनों में यूसीसी उत्तराखंड में प्रभावी हो जाए और इसके लिए वो विशेषज्ञ समिति के साथ-साथ उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ रहे हैं।

जल्द लागू होने जा रहा है यूसीसी: धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी कहते हैं, “समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड में लागू करने के बिल प्रस्ताव पर राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी है। राज्य में ये किस तरह से इसे व्यवहारिक रूप में लागू किया जाए ,सजा ,जुर्माना, धाराएं और किसी का उत्पीड़न न हो इस और हमारे विशेषज्ञ मंथन कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि यूसीसी जनमानस को न्याय देने वाला हो। उनके प्रस्ताव मिलते ही उत्तराखंड में इसे हमारी सरकार लागू कर देगी।”

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