नई दिल्ली । चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच चरणों के मतदान प्रतिशत और कुल मतदान संख्या के आंकड़े जारी कर दिए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि फॉर्म 17सी के माध्यम से सभी उम्मीदवारों के मतदान एजेंटों के साथ मतदान के दिन साझा किए गए वोटों के डेटा में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।
पांच चरणों में देशभर की 428 सीटों पर कुल 50,72,97,288 मत पड़े हैं, जबकि इन सीटों पर 76,40,80,337 मतदाता पंजीकृत थे। इस तरह कुल 66.39 प्रतिशत मतदान हुआ है। आयोग ने स्पष्ट किया कि इन आंकड़ों में डाक मतपत्र शामिल नहीं हैं।
हाल के दिनों में, विपक्ष ने मतदान प्रतिशत में वृद्धि को मुद्दा बनाते हुए आयोग पर आंकड़े देर से जारी करने का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि मतदान के बाद आंकड़ों में हो रहे इजाफे पर सवाल खड़े हो रहे हैं और इस मुद्दे पर विपक्ष चुनाव आयोग से मिल चुका है तथा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है।
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि मतदान आंकड़ों को जारी करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों और फैसले से आयोग उचित रूप से मजबूत महसूस कर रहा है। आयोग ने मतदान डेटा जारी करने के प्रारूप को विस्तारित करने का निर्णय लिया है ताकि प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की पूर्ण संख्या को शामिल किया जा सके।
आयोग ने कहा कि मतदान दलों के आगमन के बाद भौगोलिक और मौसम की स्थिति के आधार पर, मतदाताओं का डेटा पार्टियों के आगमन और पुनर्मतदान की संख्या के आधार पर एक या अधिक दिनों में अंतिम रूप प्राप्त करता है। इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने प्रेस नोट जारी करना एक अतिरिक्त सुविधाजनक उपाय बताया है। आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप पर पूरा डेटा 24×7 उपलब्ध रहता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बयान जारी कर कहा कि कुछ लोग भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं, और जल्द ही इसका खुलासा करेंगे।
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार:
चुनाव आयोग ने इस मौके पर दोहराया कि उनकी प्रक्रिया पारदर्शी है और किसी भी प्रकार के विवाद से मुक्त है। आयोग का लक्ष्य चुनावी लोकतंत्र की सेवा करना है और वे इसे निर्विवाद संकल्प के साथ निभा रहे हैं।
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