कोलकाता (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से पहले नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा भड़क उठी। घटना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा के ब्लॉक नंबर एक के सोनचूरा गांव के मनसा बाजार की है। तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया। इस हमले में भाजपा की महिला कार्यकर्ता की मौत हो गई और आठ अन्य भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए। मृतक का नाम रथीबाला आड़ी बताया जा रहा है। घायलों में से एक को कोलकाता रेफर कर दिया गया है।
घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है। इस हमले से गुस्साए भाजपा कार्यकर्ता जमकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने सड़कों पर जाम लगा दिया और तृणमूल के खिलाफ नारे लगाए। कार्यकर्ताओं ने स्थानीय थाने का घेराव किया है और पुलिस पर हमलावरों को बचाने का आरोप लगाया है। सौ से अधिक गाड़ियों को भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़कों के दोनों तरफ रोक दिया है। पुलिस अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने बुझाने की कोशिश की लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर कानून व्यवस्था की बहाली के लिए सेंट्रल फोर्स की तैनाती की गई है। सीएपीएफ के सैकड़ो जवान बंगाल पुलिस के रैपिड एक्शन फोर्स के साथ कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए मोर्चा संभाले रहे।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को इस क्षेत्र में अपनी हार का अहसास हो गया है जिसके बाद पुलिस के साथ मिलकर भाजपा की महिला नेता की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड का अंत दिखाकर छोडूंगा। हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस चाहे जितना बचाने की कोशिश कर ले लेकिन जिन लोगों ने भी ये हत्याएं की हैं और इसमें शामिल रहे हैं, वह नहीं बचेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री होने के साथ ममता बनर्जी राज्य की गृह मंत्री भी हैं और उन्हें इस घटना की जिम्मेदारी लेनी होगी।
20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण की वोटिंग के दौरान भी पश्चिम बंगाल में कई जगह झड़प और हिंसा के मामले सामने आए थे। बैरकपुर, बनगांव, आरामबाग हावड़ा आदि क्षेत्रों से छिटपुट घटनाएं होने की खबरें थी, जिसमें वोटरों को धमकाना, वोटिंग रुकवाना, विरोधी पार्टियों के कार्यकर्ताओं को पीटना आदि शामिल था। राज्य में 25 मई को तामलुक, कांथी, घटाल, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुड़ा और बिशनुपुर सहित आठ सीटों पर छठे चरण का मतदान होना है। यहां प्रत्याशियों की कुल संख्या 79 है। मतदान से पहले हिंसा की इस घटना से सियासी पारा गरमा गया है। शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम से ही विधायक हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मात दी थी।
थाना प्रभारी पर हत्यारोपियों के साथ मीटिंग का आरोप
शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम के थाना प्रभारी पर हत्यारों से सांठगांठ का आरोप लगाया है। गुरुवार को थाने पहुंचे शुभेंदु अधिकारी ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि थाना प्रभारी ने हत्यारों के साथ मीटिंग की है और उसके बाद ही हमले की घटना को अंजाम दिया गया है। शुभेंदु दोपहर में नंदीग्राम आए। शुभेंदु के नंदीग्राम थाने में घुसने से पहले वहां सेंट्रल फोर्स के कुछ जवान खड़े थे। इसके बाद वह थाने में दाखिल हुए। उन्होंने वहां ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी से कहा, ””हत्यारे पुलिस स्टेशन आए थे। उन्होंने एक मां को मार डाला। रथीबाला केवल संजय की मां नहीं हैं, वह मेरी भी मां हैं। मैं जानना चाहता हूं कि थाना प्रभारी ने हत्यारों के साथ मीटिंग क्यों की थी। मैं उसे मजा जरूर चखाऊंगा।
भाजपा ने लिखा चुनाव आयोग को पत्र, एसपी को हटाने की मांग, ममता पर गंभीर आरोप
पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में एक भाजपा समर्थक महिला की हत्या की घटना की शिकायत चुनाव आयोग से की गई है। प्रदेश भाजपा ने गुरुवार को इस संबंध में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखे पत्र में बताया है कि बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात कम से कम 50 बाइक पर सवार 100 से अधिक हमलावरों ने भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के घरों पर हमले किए, तोड़फोड़ और आगजनी की। रतिबाला आरी नाम की महिला को बर्बर तरीके से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया और उसे बचाने की कोशिश कर रहे उसके बेटे को भी गंभीर हालत में चोटिल किया है। कोलकाता के निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। पार्टी ने अपने पत्र में लिखा है कि यह हमला ममता बनर्जी के उस बयान के बाद आया है जिसमें 16 मई को हल्दिया में एक जनसभा के बाद उन्होंने कहा था कि नंदीग्राम में अपनी हार का मैं बदला लूंगी। शिशिर बाजोरिया के हस्ताक्षर के साथ दिए गए अपने पत्र में भाजपा ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के पुलिस अधीक्षक को तत्काल हटाने की मांग की है। इसमें लिखा है कि पुलिस अधीक्षक न केवल जिला पुलिस प्रमुख होने के नाते अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहे हैं बल्कि हमला करने वाले अपराधियों को संरक्षण भी देते रहे हैं। पार्टी ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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