भोपाल। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे मंगलवार को 61वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 10 अधिकारियों की टीम 30 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर चल रहे एएसआई सर्वे के 61वें दिन मंगलवार होने के कारण भोजशाला के गर्भगृह में सर्वे का काम नहीं हुआ बल्कि यहां हिंदू श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा व सरस्वती वंदना कर पूजा पाठ किया। एक तरफ गर्भगृह में पूजा पाठ चलता रहा, तो दूसरी तरफ बाहर के परिसर में सर्वे टीम तथ्य जुटाती रही। इस दौरान भोजशाला के भीतरी भाग में सर्वे के तहत वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी, क्लीनिंग और ब्रशिंग का कार्य हुआ।
उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में सर्वे के तहत पहले मिट्टी हटाई गई। उत्तर दिशा में मुख्य रूप से तीन फीट तक और खुदाई की गई। यहां अब 20 फीट तक खुदाई हो चुकी है। इसमें सामान्य पत्थर व अवशेष ही मिले हैं। इस तरह से दिनभर उत्तर और दक्षिण भाग में भी खुदाई का कार्य चलता रहा।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि मंगलवार को श्रमिकों और विभाग की टीम के सदस्यों की संख्या कम थी, इसलिए सर्वे व्यापक नहीं हो पाया। अभी भी मशीनों के आने का इंतजार है, तभी यह सर्वे व्यापक और वैज्ञानिक रूप ले पाएगा। उन्होंने बताया कि मशीनें अगले सप्ताह तक धार पहुंच सकती हैं।
मंगलवार के दिन हिंदू समाज को भोजशाला में पूजा-अर्चना का अधिकार प्राप्त है। भोज उत्सव समिति द्वारा प्रति मंगलवार यहां पर सत्याग्रह का आयोजन किया जाता है। आज भी बड़ी संख्या में लोग दर्शन व वंदना के लिए पहुंचे, भोजशाला के गर्भगृह में मां वाग्देवी व हनुमान जी का चित्र रखकर समाज द्वारा पूजा की गई। इस दौरान सरस्वती वंदना व हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए आरती कर प्रसादी का वितरण भी किया गया। सत्याग्रह में बडी संख्या में हिंदू समाज के लोग शामिल हुए। सत्याग्रह के चलते अतिरिक्त पुलिसबल भी यहां पर तैनात किया गया था।
अयोध्या से आए रामलला सरकार
मंगलवार को अयोध्या से आए संत व कथा वाचक रामलला सरकार ने भोजशाला के दर्शन किए और ज्योति मंदिर में दरबार लगाकर लोगों की शंका, समस्याओं का समाधान किया। दरअसल, भविष्यवक्ता व कथावाचक रामलला सरकार द्वारा राजगढ़ के समीप पिपरनी में कथा का वाचन किया जा रहा है। उन्हें भोजशाला के बारे में पता चला, तो वे यहां दर्शन के लिए पहुंच गए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि भोजशाला का कण-कण सनातनी धर्म का प्राण है और जो लोग इसे झुठलाने की बात कह रहे हैं, उन्हें जाग जाना चाहिए। मां सरस्वती के इस प्रागंण का एक-एक कण कह रहा है, हम सभी को एकत्रित हो जाना चाहिए।
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