कर्णावती: गुजरात एटीएस ने पूर्व जानकारी के आधार पर ISIS इस्लामिक स्टेट की कट्टर विचारधारा से जुड़े चार आतंकियों को अहमदाबाद एरपोर्ट से धरदबोचा है। IS के अबू बकर बगदादी के दिखाए रास्ते पर चलकर भाजपा और आरएसएस के बड़े अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए चारों आतंकी सुसाइड बॉम्बर बनने की तैयारी करके आये थे लेकिन एटीएस की सतर्कता की वजह से आतंकियों की साजिश सफल नहीं हुई। आतंकियों को रिमांड की मांग के साथ मेट्रो कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने चारों आतंकियों के 14 दिन की रिमांड मंजूर की।
गुजरात एटीएस के डिप्टी एसपी हर्ष उपाध्याय को 18 मई,2024 को खबर मिली थी कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन IS के चार आतंकी भारत में किसी शहर में आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए 18 या 19 मई को एयर या फिर ट्रेन के मार्ग से भारत आएंगे। जिसके चलते पुलिस ने पहले से ही एरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर नजर रखी थी। चारों आतंकियों के नाम भी पुलिस को मिले थे। जिसके चलते पुलिस ने पैसेंजर्स के बुकिंग मेनिफेस्टो की जानकारी जुटाई, जिसमे पता चला कि मोहम्मद नुसरथ, मोहम्मद नफरान, मोहम्मद फारिस और मोहम्मद रसदीन जो श्रीलंका के रहनेवाले है और IS से जुड़े हुए है। वे चारों आतंकी की टिकट एक ही PNR नंबर से बुक करवाई गई है और चारों 19 मई को कोलंबो एरपोर्ट से चेन्नई और वहां से इंडिगो की फ्लाइट में अहमदाबाद एरपोर्ट के लिए रवाना हुए है। पुलिस ने पहले से ही एरपोर्ट पर नजर रखकर चारों आतंकियों को अहमदाबाद इंटरनेशनल एरपोर्ट से ही दबोच लिया।
आतंकियों के पास से क्या बरामद हुआ?
आतंकी मोहम्मद नुसरथ के पास से एक मोबाइल फोन मिला जिसमें ऐसे सबूत मिले हैं कि वे IS के साथ जुड़ने के लिए हिजरा करने, अबू बकर बगदादी के दिखाए रास्ते पर चलने के लिए कुछ भी करने को तैयार थे। अबू बकर के कहने पर चारों आतंकी यहूदी, क्रिश्चियन, भाजपा और आरएसएस के लोगों को निशाना बनाने भारत आये थे। उनको झूठी बात बताई गई थी भारत में मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार हो रहा है।
आतंकियों के द्वारा इस्तेमाल की जानेवाली प्रोटोन ड्राइव भी मिली जिसमें से पानी की कैनाल, एक पत्थर के नीचे गुलाबी रंग के पार्सल में रखी हुई किसी चीज की फोटो, ब्राउन सेलोटेप से पैक किया गया गुलाबी रंग का पार्सल, एक काले रंग का झण्डा जिस पर अरबी भाषा मे कुछ लिखा हुआ है और तीन पिस्टल और तीन लोडेड मेगज़ीन बरामद हुए हैं।
आतंकियों द्वारा उपयोग में लिए जानेवाला प्रोटोन ईमेल भी मिला है जिसमे एक सेल्फ ई-मेल में किसी जगह के Geo Co-ordinates लिखे हुए है।
बरामद चीजों के आधार पर सर्च में क्या मिला ?
चारों आतंकी हिंदी या अंग्रेजी नही जानते, सिर्फ तमिल में ही बात कर रहे है इसलिए ट्रांसलेटर के जरिये पुलिस पूछताछ कर रही है। अबू बकर पाकिस्तानी चारों का हैंडलर है और अबू ने उनको कहा था कि वह हथियार की फोटो और हथियार कहा से लेने है उसकी लोकेशन प्रोटोन मेल और प्रोटोन ड्राइव पर शेयर करेगा। बाद में उस हथियार का उपयोग कहां और कैसे करना है वह बताया जाएगा। जिसके चलते पुलिस ने ड्राइव में दिए गए Geo Co-ordinates पर सर्च किया। जहाँ से पुलिस को ड्राइव और फोटो में दिखनेवाली तीन पिस्टल, तीन लोडेड मेगज़ीन, पिस्टल के 20 राउंड और काले कलर का फ्लेग रिकवर हुआ। सभी राउंड पर FATA (Federally Administered Tribal Area) लिखा हुआ है, जो पाकिस्तान में है। काले रंग का फ्लेग प्रतिबंधित IS संगठन का फ्लेग है।
मोहम्मद नुसरथ के पास पाकिस्तान का वैलिड वीजा भी है।
अबू ने आतंकियों को दी चार लाख की श्रीलंका की करंसी
आतंकियों ने ट्रांसलेटर के जरिये पूछताछ में बताया कि वह श्रीलंकन रेडिकल मिलिटेंट आउटफिट नेशनल तौहीथ जमात (NTJ) से जुड़े थे जिसे श्रीलंका की सरकार ने 2019 में ईस्टर बॉम्बिंग बाद प्रतिबंधित किया है। फरवरी 2024 में वह IS हैंडलर अबू बकर के संपर्क में आये और उसके कहने पर IS से जुड़े। अबू के कहने पर भारत मे आतंक फैलाने आये। इस आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए अबू ने उनको चार लाख श्रीलंकाई मुद्रा दी थी। चारों आतंकी सुसाइड बॉम्बर बनकर जिहाद के लिए मरने की तैयारी के साथ भारत आये थे।
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