जनजातीय समाज से आने वाले भगवान बिरसा मुंडा ने इस राष्ट्र के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। इसी तरह परमवीर चक्र प्राप्त अल्बर्ट एक्का एक भारतीय सैनिक थे, जो भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 में वीरगति को प्राप्त हुए थे। ऐसे कई लोग हैं जिन्हें पिछले 70 वर्षों में वह सम्मान नहीं मिला जिनके वे हकदार थे, वही सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में मिला तो उनके परिवार वाले प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए उनके पक्ष में जनता से मतदान की अपील कर रहे हैं।
इसी क्रम में भगवान बिरसा मुंडा के पड़पोते सुखराम मुंडा और बलिदानी अल्बर्ट एक्का की पुत्रवधू रजनी एक्का का एक वीडियो वायरल हो रहा है।
इस वीडियो में सुखराम मुंडा ने कहा कि मोदी सरकार में जनजातीय समाज के भगवान बिरसा मुंडा को जो सम्मान मिला वह पहले कभी नहीं मिला था। इसलिए उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही मतदान किया जाएगा।
भगवान बिरसा मुंडा के परपोते श्री सुखराम मुंडा जी से मिले समर्थन के लिए ह्रदयतल से आभार… #मोदी_संग_झारखंड#हमारासंकल्प_विकसितभारत_विकसितखूंटी#अपने_खूंटी_के_लिए#फिर_एक_बार_मोदी_सरकार#अबकी_बार_400पार#लोकसभाचुनाव2024#Khunti #खूंटी_लोकसभा pic.twitter.com/Deb4saiIGX
— Arjun Munda (@MundaArjun) May 13, 2024
इसके साथ ही एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बलिदानी अल्बर्ट एक्का की पुत्रवधू रजनी एक्का ने स्थानीय भाषा सादरी में कहा कि वह खुद एक कैथोलिक ईसाई हैं, और उन्हें इस बात का गर्व है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी भेदभाव के उनके दादा ससुर परमवीर चक्र प्राप्त अल्बर्ट एक्का के नाम से एक द्वीप का नाम रखकर सम्मान दिया है। यह उनके परिवार के साथ-साथ पूरे झारखंड के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्य की सराहना की और उनका समर्थन किया।
झारखंड के वीर सपूत परमवीर चक्र से सम्मानित लांस नायक अल्बर्ट एक्का की बहू ने मोदी जी का जताया आभार. pic.twitter.com/WOd3XtKg1B
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) May 13, 2024
आपको बता दें कि पराक्रम दिवस के दिन यानी 23 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा था। इनमें एक द्वीप परमवीर चक्र से सम्मानित लांस नायक अल्बर्ट एक्का के नाम पर भी रखा गया था।
वहीं दूसरी तरफ झारखंड के वीर शहीदों में भगवान बिरसा मुंडा का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय समाज से आते थे। उन्होंने स्वतंत्रता के आंदोलन में महती भूमिका निभाई थी। भगवान बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ देश भर में बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ‘उलगुलान’ (क्रांति) का आह्वान करते हुए ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वर्ष 2021 में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन यानी 15 नवंबर को पूरे देश भर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। तभी से हर वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
टिप्पणियाँ