पंजाब के नंगल में बीते दिनों विश्व हिंदू परिषद के नेता विकास प्रभाकर की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है। एनआईए दिल्ली ने विकास प्रभाकर की हत्या के मामले में केस दर्ज कर पंजाब पुलिस से भी संपर्क कर विवरण मांगा है। एनआईए के अधिकारी मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करेंगे। पंजाब पुलिस ने प्रभाकर की हत्या मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो न्यायायिक हिरासत में हैं। कहा जा रहा है कि विश्व हिंदू परिषद के नेता विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या पाकिस्तान के इशारे पर हुई थी। हत्या की पुर्तगाल बैठे विदेशी हैंडलर्स की ओर से फंडिंग की गई थी। यह दावा पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने किया था।
मामले में पकड़े गए दोनों आरोपियों से पंजाब पुलिस ने बड़े खुलासे किए थे। पाकिस्तान के आईएसआई और आतंकी संगठनों का इस हत्या के पीछे हाथ है। पाकिस्तान के इशारे पर विहिप नेता की हत्या हुई है। देश में इस आतंकी संगठन के नेटवर्क के बाकी नेक्सेस को जल्द तोड़ा जाएगा। एनआईए अब इस हत्या को अंजाम देने में जो और लोग शामिल हैं, उन्हें जल्द ही दबोचेगी। इससे आतंकवादी मॉड्यूल की जड़ों तक जाने में मदद मिलेगी।
पंजाब पुलिस ने जिन दो हमलावरों को गिरफ्तार किया है, उसमे आरोपियों की पहचान मनदीप कुमार उर्फ मंगी और सुरिंदर कुमार उर्फ रिक्का के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने आरोपियों के पास से .32 बोर के दो पिस्टल जिसमें से एक अपराध में इस्तेमाल किया गया था, समेत 16 कारतूस और एक खाली कारतूस बरामद किए थे। इस हत्या के पीछे पुर्तगाल बैठे विदेशी हैंडलर्स की ओर से फंडिंग की गई थी। फंडिंग के जरिए पाकिस्तान के आतंकी संगठन और आईएसआई की मदद से यह हत्या करवाई गई है।
दबोचे गए शूटर मनदीप और सुरिंदर इन विदेश आधारित हैंडलरों के प्यादे हैं, जो पाकिस्तान आधारित आतंकवादी मास्टर माइंड के संचालक हैं। ये प्यादे पैसे का लालच देकर गिरोह में शामिल किए गए थे। दोनों शूटर एन्क्रिप्टेड एप्स से विदेश आधारित हैंडलरों के संपर्क में थे। इस कत्ल को अंजाम देने के लिए फंड और हथियारों का प्रबंध करने के अलावा व्यक्ति, जिसको टारगेट करना था, उसकी जगह और फोटो भी उनके साथ साझी की गई थी।
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