राहुल गांधी और सैम पित्रोदा
कांग्रेस के युवराज ही नहीं, मीडिया में उनके प्रवक्ता भी एक झूठ बार-बार दोहरा रहे हैं। वे हर सभा में कह रहे हैं कि ‘भाजपा जीत गयी तो संविधान खत्म कर देगी, देश में कोई संविधान नहीं होगा’ आदि। इंडी गठबंधन के नेता भी रोज यही विलाप कर रहे हैं। वास्तव में सत्ता की लालसा को पूरा करने के लिए ये हर शर्मनाक हथकंडा अपना रहे है।
वंशवादी युवराज और अराजकतावादियों की जबान पर जैसे लगाम नहीं रह गई है। सवाल है कि आखिर संविधान बदलने की बात कौन कर रहा है? वास्तव में यही इंडी नेता चुनाव में ऐसे झूठे वादे कर रहे हैं, वर्तमान संविधान के रहते पूर्ण हो ही नहीं सकते। ये खुद संविधान को अपनी तुष्टीकरण नीतियों की वजह से बदलने की मानसिकता रखते हैं। जरा इनके निम्नलिखित चुनावी वादों पर गौर करें-
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