पंजाबी में हथियारों हिंसा का महिमामण्डन करने वाले फूहड़ गीतों की भरमार है, जिससे राज्य में हिंसा बढ़ रही है। इस दिशा में की गई कार्रवाई का ब्योरा सौंपने का पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है। इसके साथ ही हथियारों के नकली लाइसेंस के गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा भी डीजीपी से मांगा है।
याचिका दाखिल करते हुए फाजिल्का निवासी गुरभेज सिंह ने उसके खिलाफ 25 मार्च को हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं में दर्ज एफआईआर में अग्रिम जमानत की मांग की थी। याची ने बताया कि उस पर व उसके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। तथ्यों को देखते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि दैनिक आधार पर हमारे सामने ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें लोग खुलेआम हथियार लेकर घूमते हैं और दूसरे लोगों को चोट पहुंचा रहे हैं। हाईकोर्ट ने 2019 में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को आदेश दिया था कि कोई भी व्यक्ति किसी मेले, धार्मिक आयोजन, विवाह समारोह या किसी शैक्षणिक संस्थान में हथियार नहीं लेकर जाएगा।
पंजाब सरकार ने 2022 में सार्वजनिक स्थानों और सोशल मीडिया पर हथियारों के उपयोग और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि इतना समय बीतने के बावजूद स्थिति में कोई बदलाव नहीं नजर आ रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि पंजाब में सशस्त्र लाइसेंस के आवंटन के नियमों को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट ने अब डीजीपी को निजी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद डीजीपी का हलफनामा स्पष्ट न होने पर अब हाईकोर्ट ने नए सिरे से जिलेवार हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं पर मांगा जवाब
1. पंजाब में कितने गन हाउस नकली व बिना लाइसेंस के पाए गए?
2. सार्वजनिक कार्यक्रमों में हथियारों के प्रदर्शन व उपयोग की कितनी शिकायतें मिलीं, उन पर क्या कार्रवाई हुई?
3. वेरिफिकेशन व अन्य कारणों से कितने हथियारों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई, कितनों पर एक्शन लिया गया?
4. सार्वजनिक मंचों से समुदायों की भावनाओं को आहत करने की कितनी शिकायतें मिलीं, उन पर क्या कार्रवाई हुई?
5. आप किसे असामाजिक तत्व कहते हैं और असामाजिक तत्वों को परिभाषित करने के लिए क्या मानदंड हैं?
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