पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में इसाई मिशनरियों द्वारा खेला जा रहा कन्वर्जन का गन्दा खेल देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए खतरनाक बनता जा रहा है। गत दिनों गिरफ्तार किए गए एक जासूस की कहानी से इसका खुलासा हुआ है। आरोपी पहले सिख था परन्तु दस साल पहले धर्म बदल कर पादरी बन गया और लोगों का भी कन्वर्जन करने लगा। आखिर में वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का मोहरा बन गया।
गत दिनों पंजाब के होशियारपुर जिले के एक व्यक्ति को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के लिए जासूसी करने और भारत विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि वह सेना की तैनाती के बारे में संवेदनशील जानकारी आईएसआई को देता था। अपने मोबाइल फोन से दस्तावेज और तस्वीरें भेजता था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार रात होशियारपुर में फगवाड़ा रोड पर एक रेलवे क्रॉसिंग के पास से आरोपी हरप्रीत सिंह को पकड़ा। तरनतारन जिले का रहने वाला यह व्यक्ति इन दिनों होशियारपुर के विजय नगर इलाके में रह रहा था। पुलिस के मुताबिक, पिछले चार साल से शहर में रह रहे हरप्रीत ने कथित तौर पर विजिटर वीजा पर दो बार पाकिस्तान की यात्रा की थी, जहां उसकी मुलाकात आईएसआई के अधिकारियों से हुई थी। इन दिनों वह व्हाट्सएप के जरिए आईएसआई के संपर्क में था। पुलिस ने कहा कि हरप्रीत सिंह ने झूठे दस्तावेजों का उपयोग करके भारतीय सिम कार्ड खरीदे। इन सिम कार्ड के माध्यम से व्हाट्सएप और अन्य इंटरनेट एप्लिकेशन का उपयोग करने में आईएसआई अधिकारियों की मदद की।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास से एक बैग बरामद किया गया, जिसमें एक आधार कार्ड, एक पासपोर्ट, कुछ भारतीय मुद्रा और एक मोबाइल फोन था। उसके खिलाफ मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की जांच में अब सामने आया है कि हरप्रीत सिंह ने दस साल पहले सिख पंथ छोड़कर इसाई मत अपना लिया था। वह पास्टर जॉनसन के रूप में सक्रिय होकर इलाके में कन्वर्जन के कार्यों में लिप्त हो गया। इस दौरान उसका सम्पर्क आईएसआई के एजेंट से हो गया। उसने स्वीकार किया है कि वह अपने फेसबुक फॉलोवर से मिलने दो बार पाकिस्तान गया जहां वह आईएसआई के पंजे में फंस गया। वह मूल रूप से तरनतारन जिला, तहसील भिखीविण्ड के गांव फतेहपुर सूगा का रहने वाला है और वर्तमान में होशियारपुर में अपने परिवार के साथ रह रहा था।
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