दिल्ली शराब घोटाले के मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी है। इस पर आज (मंगलवार ) सुनवाई हो रही है।
मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ कर रही है। मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी ईडी से कई सारे सवाल किए गए हैं। शीर्ष अदालत ने कई सारे सवाल किए। कोर्ट ने पूछा कि आखिर चुनाव से ठीक पहले ही केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों की गई? केजरीवाल के केस में क्या कुर्की हुई है?
इसके जबाव में ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि जब हमने इस मामले की जांच को शुरू किया था तब अरविंद केजरीवाल शक के दायरे में नहीं थे। वक्त के साथ जांच आगे बढ़ी तो उनकी भूमिका उजागर हुई।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली शराब नीति 2021-22 में घोटाले के मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी हिरासत में भेजा था। ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के मुख्य साजिशकर्ता (किंगपिन) हैं। आज ईडी ने कहा कि केजरीवाल सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं। वह सहयोग नहीं कर रहे हैं।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट से भी अरविंद केजरीवाल को झटका लग चुका है। उन्होंने ईडी की हिरासत और गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई और उन्हें कोई राहत नहीं मिली। वहीं हाई कोर्ट ने ईडी से 2 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। केजरीवाल का कहना है कि वे वर्तमान सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
ये है ईडी का आरोप
ईडी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाला के मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी को केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इनसे पता चला है कि केजरीवाल दो ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे। ईडी के मुताबिक विजय नायर दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रह रहे थे। उन्होंने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की। केजरीवाल ने कविता से मुलाकात की थी। ईडी के मुताबिक आबकारी नीति को आम आदमी पार्टी के गोवा चुनाव में फंडिंग के लिए बदला गया। रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल हवाला के जरिये गोवा चुनाव में किया गया।
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