राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो पिछले दिनों मेघालय के दौरे पर थे। रविवार 28 अप्रैल को वे मेघालय में उन शिकायतों को सुनने के लिए आए थे, जो मेघालय की दक्षिण-पश्चिम गारो हिल्स में आयोजित एक स्थानीय उत्सव के दौरान स्थानीय लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार को लेकर भेजी गई थी।
#WATCH | NCPCR Chairperson Priyank Kanoongo investigates the complaints of gang rape of minor girls during attacks on them during a tribal festival in Ampati district of South West Garo Hills, Meghalaya.
(Source: NCPCR office) pic.twitter.com/QSky04SXfC
— ANI (@ANI) April 28, 2024
इस वीडियो में शिकायतकर्ता यह कहती हुई सुनी जा सकती है कि कैसे बच्चों को कुछ लोग ले जाते हैं। इसके बाद प्रियंक कानूनगो ने बताया कि एक स्थानीय जनजातीय उत्सव के दौरान, जनजातीय समाज के लड़कों और लड़कियों पर हमला किया गया। हमें यह बताया गया कि संदिग्ध हमलावर अवैध रोहिंग्या हो सकते हैं। उन्होंने हमला ही केवल नहीं किया, बल्कि उन्होंने छोटी लड़कियों के साथ बलात्कार भी किया। प्रियंक कानूनगो ने कहा कि उन्होंने पीड़िताओं और उनके परिवारों के साथ मुलाकात भी की।
इसे भी पढ़ें: Uttarakhand: जंगल की आग से उबरे भी नहीं, जल संकट ने बढ़ाई परेशानी, गर्मी से जल स्त्रोत सूखे
दरअसल यह शिकायत लीगल राइट ऑबज़र्वेटरी नामक हैंडल ने एक्स प्लेटफ़ॉर्म पर की थी। इस शिकायत के अनुसार, 4 नाबालिग हिन्दू लड़कियों का बलात्कार 25 जिहादियों ने मेघालय में किया है। असम मेघालय सीमा पर सालाना आयोजित होने वाले एक मेले में 4 नाबालिग हिन्दू लड़कियों का अपहरण किया गया और उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उन्हें मारा-पीटा भी गया। उनके साथ यह काम दक्षिण सलमारा-मनकचर जिले से ये जिहादियों ने किया, जो बांग्लादेश की सीमा से लगा हुआ है, मगर अभी तक एक भी गिरफ़्तारी नहीं हुई है। इन्होंने ही असम के मुख्यमंत्री और एनसीपीसीआर से अनुरोध किया था कि इन अपराधियों पर कड़े से कड़े कदम उठाए जाएं।
Gut-wrenching news of gang rape by 25 Jihadis on 4 minor Hindu girls of Garo Hills, Meghalaya coming in. During annual Chenga Benga Mela on Assam-Meghalaya border; 4 minor Hindu girls abducted, gang raped in captivity n physically assaulted by Jihadis hailing from South Salmara-… pic.twitter.com/9iM1Bix4Gz
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) April 20, 2024
प्रियांक कानूनगो ने यह भी विश्वास दिलाया है कि एनसीपीसीआर यह सुनिश्चित करेगा कि हर अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा मिले। एक भी अपराधी बचकर न निकलने पाए। हालांकि, इस घटना को प्रकाश में आए हुए तीन दिन बीत चुके हैं, परंतु मेघालय की स्थानीय महिलाओं की पीड़ा अभी तक मुख्यधारा की मीडिया में नहीं है। क्या इसलिए कि इसका कोई राजनीतिक शोर नहीं हो रहा है या फिर यह एजेंडे के अनुकूल नहीं है। इसी बात पर हैरानी व्यक्त करते हुए एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने एक पोस्ट भी किया था, जिसमें उन्होनें यह प्रश्न किया कि आदिवासी बच्चों पर इतने नृशंस अपराध की राष्ट्रीय स्तर पर कोई चर्चा ही नहीं हुई है। शिकायत के अनुसार अपराधी अवैध रोहिंग्या घुसपैठिये होने का संदेह है। जाँच चल रही है।
मेघालय के साउथ वेस्ट गारो हिल्स अंपती ज़िले में एक आदिवासी उत्सव के दौरान किए गए हमलों की घटना में नाबालिग लड़कियों से गैंगरेप किए जाने की शिकायत की जाँच के लिए @NCPCR_ की टीम के साथ यहाँ आया हूँ।
आश्चर्य की बात है कि आदिवासी बच्चों पर इतने नृशंस अपराध की राष्ट्रीय स्तर में कोई… pic.twitter.com/uDpDGTmnsG— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) April 28, 2024
प्रियंक कानूनगो लगातार उन मामलों पर बात कर रहे हैं, जिन पर मुख्यधारा मीडिया बात नहीं करना चाहता है। क्योंकि जो एजेंडा मीडिया है उसकी मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति इस सीमा तक है कि वह अपराधी का मजहब देखकर ही शोर का निर्धारण करती है। संभवतया यही कारण है कि मेघालय की गारो हिल्स का यह मामला उठाया नहीं जा रहा है क्योंकि इससे लोग अवैध रोहिंग्या मुस्लिमों पर बात करेंगे, प्रश्न करेंगे। क्या यही कारण है कि मुख्यधारा की मीडिया से यह पीड़ा नदारद है।
प्रियंक कानूनगो मदरसों में हो रहे यौन शोषण पर भी बात करते हैं। वह उन मामलों पर भी बात करते हैं, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसे इंटरनेट का अधिक प्रयोग या फिर प्लेसमेंट एजेंसी। अभी हाल ही में उन्होनें बच्चों के अधिकारों की बात करते हुए कुकुरमुत्तों की तरह उग आईं प्लेसमेंट एजेंसियों पर भी प्रश्न उठाए थे और कहा था कि दिल्ली राज्य में कुकुरमुत्तों की तरह उग आयीं प्लेसमेंट एजेंसी बच्चों की ट्रैफ़िकिंग का ज़रिया बन गयीं हैं,इन पर नियंत्रण आवश्यक है।
टिप्पणियाँ