कर्णावती: लोकसभा चुनाव-2024 के बीच सूरत लोकसभा सीट से निर्विरोध चुने गए भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल के निर्वाचन को लगातार कांग्रेस चुनौती देने की कोशिशें कर रही है। लेकिन, उसे हर मौर्चे पर हार का ही मुख देखना पड़ रहा है। दरअसल, कांग्रेस से प्रेरित एक याचिकाकर्ता ने मुकेश दलाल के निर्वाचन के खिलाफ एक पीआईएल गुजरात हाई कोर्ट में दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।
याचिकाकर्ता की पहचान भावेश पटेल के रूप में हुई है, जिन्होंने ने चुनाव पंच द्वारा मुकेश दलाल के निर्वाचन को चुनौती दी थी। पटेल ने अपनी याचिका में मुद्दा उठाया था कि मतदान प्रक्रिया में मतदाताओं के लिए नोटा का विकल्प भी होता है जिसमें नकारात्मक मतदान का उपयोग मतदाता कर सकते हैं।
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लेकिन सूरत में इस अधिकार का उपयोग करने से मतदाता वंचित रहे हैं एवं भाजपा के उम्मीदवार को निर्विरोध घोषित किए जाने के चुनाव पंच के निर्णय को रद्द करने का मुद्दा भी उन्होंने याचिका में उठाया था। इस याचिका की सुनवाई करने से चीफ जस्टिस ने अपने फैसले में कहा कि निर्विरोध घोषित उम्मीदवार और वोटों की गिनती से निर्वाचित उम्मीदवार एक समान होते हैं। जो याचिका दाखिल की गई है वह पीआईएल के नियमों के तहत नहीं आ रही है। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए इलेक्शन पिटिशन दाखिल करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित किया गया था। वहीं कांग्रेस की बात करें तो 73 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने चुनाव नहीं लड़ा। साल 1951 से लेकर साल 2019 तक 17 बार लोकसभा चुनाव आयोजित किये जा चुके हैं। 1951 से तमाम लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार रखती आई कांग्रेस पहली बार चुनाव के मैदान से बाहर हो गई है।
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