देहरादून । नैनीताल जिले में भीमताल स्थित शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय के वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। उत्तराखंड की नदियों में विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी पानी के शहर के नाम से विख्यात गोल्डन महाशीर मछली की नई तकनीक के जरिए प्रजनन में उपलब्धि हासिल की है।
महाशीर मछली के प्रजनन की इस तकनीक को भारतीय वैज्ञानिकों ने पेंटेट भी करा लिया है। भारतीय मत्सयवैज्ञानिकों का दावा है कि गोल्डन महाशीर मछली को ब्रूडस्टॉक रेअरिंग फैसिलिटी के माध्यम से प्रजनन करने वाला शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय देश का पहला प्रजनन केंद्र है।
शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद शाहबाज अख्तर ने बताया कि उत्तराखंड में मछलियों की महत्वपूर्ण प्रजातियों में एक गोल्डन महाशीर प्रदेश की नदियों जलाशयों झीलों से विलुप्त हो रही थी। जिसका भारत सरकार द्वारा इसके संरक्षण करने का काम शुरू किया गया।
उन्होंने बताया कि पहले विभाग ने मैनुअल तरीके से प्रजनन और संचय करने की कोशिश की, लेकिन इसमें उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। हालांकि इसके बाद उन्होंने नई तकनीकी पर काम शुरू किया और पिछले 8 साल से उसी पर रिसर्च कर रहे थे। विभाग को इसमें सफलता मिली और ब्रूडस्टॉक रेअरिंग फैसिलिटी तकनीक से वैज्ञानिक गोल्डन महाशीर के अलावा अन्य प्रजातियों की महाशीर मछलियों का प्रजनन कराने में सफल हुए।
विभाग को महाशीर प्रजनन के क्षेत्र में भारत सरकार से पेटेंट मिला है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यहां पर नई तकनीकी के माध्यम से गोल्डन महाशीर मछली का सबसे अधिक प्रजनन किया जा रहा है। इस तकनीक के माध्यम से मछली को बड़ा कर उसके अंडे से अन्य मछलियों को तैयार कर जलाशय और नदियों में छोड़ने का काम किया जा रहा है।
इतना ही नहीं यहां पर प्रजनन की गई महाशीर मछलियों की अन्य प्रजातियों को दूसरे राज्यों तक भेजा जाता है। जिससे कि इन मछलियों को बचाया जा सके। गोल्डन महाशीर एक साइप्रिनिड है, जिसे मनोरंजक, विरासत, सांस्कृतिक और खाद्य मूल्यों के आधार पर हिमालय उपमहाद्वीप के ऊपरी मत्स्य पालन में एक प्रमुख प्रजाति माना जाता है। इसे सबसे कठिन लड़ाई वाली मछली में से एक होने की प्रतिष्ठा प्राप्त है, जो दुनिया भर के फिशिंग करने वाले खिलाड़ियों और मछुआरों को आकर्षित करती है।
गोल्डन महाशीर पर्यावरण और पर्यटन के लिहाज से स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का बड़ा साधन बन रही है, उत्तराखंड की सभी प्रमुख नदियों झीलों जलाशयों मे महाशीर, जल में काई चाटने और जल को प्राकृतिक रूप से साफ करने के लिए भी जानी जाती है। देश विदेश से फिश ऐंगलर्स (आखेटक) उत्तराखंड में फिशिंग के लिए आते है और महाशीर के साथ उनका खेल बेहद रोमांचकारी माना जाता है।
टिप्पणियाँ