ईरान को लेकर जहां वैश्विक मीडिया का ध्यान जहां ईरान और इजरायल युद्ध को लेकर है तो वहीं ईरान में महिलाओं और उनकी मूलभूत आजादी को लेकर दमनचक्र तेज हो गया है। यह दमन केवल महिलाओं का हो रहा है, ऐसा नहीं है। वे पुरुष जो महसा अमीन की मृत्यु के बाद महिलाओं की आजादी के समर्थन में आए थे उन्हें भी चुन चुन कर निशाना बनाया गया और अभी तक बनाया जा रहा है।
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यही है कि ऐसे पुरुषों के लिए कोई आवाज भी नहीं उठी। इसी कड़ी में ताजा नाम है तूमाज सलेही का, जिन्हें ईरान की एक अदालत ने “धरती पर गंदगी फैलाने/spreading pollution on earth” के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। उनका अपराध आखिर क्या था? उनका अपराध था कि जब महसा अमीन की मौत के बाद हिजाब के विरोध में आंदोलन चल रहे थे, तब वे उन महिलाओं के साथ और समर्थन में थे, जो लगातार अनिवार्य हिजाब के कानून का विरोध कर रही थीं और सरकारी हिंसा का शिकार हो रही थीं। उनका एक गाना बहुत लोकप्रिय हुआ था, जिसमें वे आह्वान कर रहे थे कि अन्याय का विरोध करना चाहिए।
https://twitter.com/AlinejadMasih/status/1783128070167130114
गायक के वकील का कहना है कि वे लोग इस निर्णय के विरुद्ध अपील करेंगे। सलेही को सबसे पहली बार वर्ष 2022 में अक्टूबर में हिरासत में लिया गया था। उस समय उन्होनें महसा अमीन की मौत के खिलाफ की वक्तव्य दिए थे और इस कारंण उन्हें कई अपराधों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। बीबीसी के अनुसार उन्हें पिछले वर्ष जुलाई में छ साल और तीन महीनों की कैद की सजा दी गई थी। ईरान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए एक निर्णय के कारण उस समय उन्हें मौत की सजा न मिलकर यह सजा मिली थी।
उनके वकील के अनुसार तूमज सलेही को इस्लामिक गणराज्य के नेता और संस्थापन का अपमान करने और दुश्मन सरकारों के साथ काम करने के आरोपों से मुक्त कर दिया गया था, मगर उन पर “धरती पर गंदगी फैलाने/spreading pollution on earth” का आरोप लगाया गया, जिसकी सजा केवल और केवल मौत है। सलेही की सुनवाई बंद दरवाजों में और बिना मीडिया कवरेज के हुई। मीडिया में इस मामले के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी। यह भी कहा जा रहा है कि उनपर अत्याचार किये गए और उनसे जबरन दोष कुबूल कराए गए।
उनके वकील का यह भी कहना है कि एक बहुत ही हैरान करने वाले कदम में उन्हें हिरासत में लिया गया, उन पर आरोप लगाए गए और फिर सजा सुना दी गई। सलेही को जो छ साल की सजा सुनाई गई थी, उसमें उन्हें नवंबर 2023 में तब जमानत मिल गई थी, जब ईरान के सर्वोच्च न्यायालय ने यह पाया था कि उन्हें जो सजा दी गई है, उसमें की त्रुटियाँ हैं। मगर अब सब दरकिनार करने के बाद एक बार वही दमनचक्र उन सभी पर आरंभ हो गया है, जो लगातार सरकार के इस बेहद जालिम कानून का विरोध करते आ रहे हैं।
ईरान में महिलाओं पर कसता शिकंजा
जहां एक ओर महिलाओं की जबरन हिजाब से आजादी की बात करने वाले पुरुषों को सजा दी जा रही है तो वहीं महिलाओं पर भी लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। ईरान ने हाल ही में हिजाब के कानूनों को और सख्त करते हुए एक अभियान आरंभ किया है, जिसमें मॉरल पुलिस को कई अधिकार दिए गए हैं। “नूर” नामक अभियान ने महिलाओं पर हिजाब को लेकर अत्यंत सख्त नियम तो बनाए ही गए हैं, बल्कि साथ ही महिलाओं के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि ईरान की सरकार ने अपने देश की महिलाओं के खिलाफ नूर अभियान उसे दिन आरंभ किया गया, जिस दिन ईरान की सरकार ने इजरायल के खिलाफ ड्रोन हमला किया था। इस अभियान के आरंभ होने के बाद महिलाओं पर किये जा रहे अत्याचार बढ़ गए हैं और उसके कई वीडियो सामने आ रहे हैं। एक वीडियो सामने आया जिसमें एक महिला जो हिजाब नहीं पहने हुए है, उस पर एक सशस्त्र पुलिस वाला हमला कर रहा है।
https://twitter.com/DaveAtherton20/status/1780904446018359750
एक नहीं ऐसे कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जो यह दिखा रहे हैं कि कैसे महिलाओं को निशान बनाया जा रहा है, उन्हें सड़कों पर निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें मेट्रो में, मॉल में निशाना बनाया जा रहा है।
https://twitter.com/therealmindman/status/1780264599536669069?
ऐसा नहीं हैं कि महिलाएं विरोध नहीं कर रही हैं। महिलाओं का विरोध देखा जा सकता है। ऐसा ही एक वीडियो सामने आया जिसमें एक महिला एक पुरुष का विरोध कर रही है, जो छिपकर उसका वीडियो बना रहा था और फिर वह उसका वीडियो मॉरल पुलिस को दे देता।
WATCH:
A man in Iran was caught filming women not wearing the hijab, and was rightfully humiliated.
He would have passed the footage on to the "morality police" if he had been successful.
— 𝗡𝗶𝗼𝗵 𝗕𝗲𝗿𝗴 ♛ ✡︎ (@NiohBerg) April 18, 2024
यह भी देखना हृदय विदारक है कि नूर अभियान के आरंभ होने के बाद कई महिलाओं को गिरफ्तार किया जा रहा है, उन पर तरह तरह के अत्याचार की जा रहे हैं। उन्हें हिरासत मे रखकर पीटा जा रहा है। गार्डियन के अनुसार व्यस्त तेहरान स्क्वेर पर एक माँ और बेटी को पाँच चादर ओढ़े हुई महिलाओं और दो पुरुषों ने घेर लिया और उन पर गालियों की बरसात कर दी और जब उन्होनें विरोध किया तो उन्हें वैन में धकेल दिया गया।
जिन महिलाओं को हिरासत में लिया गया, उनमें से कुछ महिलाओं के परिवारों से गार्डियन ने बात की। उसके अनुसार तेहरान से एक युवती ने कहा कि उन पर तरह-तरह की गालियों की बौछार की गई और उन्हें “वैश्या” “नग्न अमेरिका को प्यार करने वाली वेश्या” कहा गया और उनके पैर, पेट और हर जगह मारा गया। एक महिला ने कहा कि उनके शरीरों को महिला और पुरुष दोनों ने छुआ था।
गार्डियन के अनुसार इन महिलाओं ने कहा कि जब उन्हें हिरासत में लिया गया तो उन्होनें लगभग 40 और महिलाओं को देखा, जिन्हें हिरासत में लिया गया था। पाँच घंटे हिरासत में रहने के बाद गालियां और पिटाई खाने के बाद उनमें से कुछ को रिहा कर दिया गया।
ईरान-इजरायल युद्ध के बीच महिलाओं का यह युद्ध नेपथ्य में चला गया
दुर्भाग्य की बात यह है कि तूमज सलेही की मौत की सजा और असंख्य महिलाओं के साथ किया जा रहा अत्याचार चर्चा में नहीं है और कथित लिबरल वर्ग और कम्युनिस्ट वर्ग इजरायल का विरोध करने के नाम पर ईरान के समर्थन में खड़ा है और उन महिलाओं की पीड़ा नेपथ्य में चली गई है, जो ईरान की सरकार की कट्टरता की नीति के चलते अपशब्दों, और हिंसा का शिकार हो रही हैं।
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