दिल्ली शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद AAP के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘असाधारण जमानत’ देने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केजरीवाल की पैरवी कर रहे याचिकाकर्ता पर 75000 रुपए का जुर्माना ठोंक दिया।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केजरीवाल इस वक्त न्यायिक हिरासत में हैं। केजरीवाल के लिए सभी मामलों में ‘असाधारण जमानत’की मांग दिल्ली में ही लॉ के चौथे वर्ष के एक छात्र ने की थी। छात्र में ‘We the people of india’ के नाम से यह याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानते हुए कहा कि अपने रिट क्षेत्राधिकार में अदालतें उच्च पदों पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ लंबित मामलों में असाधारण अंतरिम जमानत नहीं दे सकती हैं।
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क्या कहा गया था याचिका में
गौरतलब है कि कानून के छात्र ने अपनी याचिका कहा था कि तिहाड़ में केजरीवाल कट्टर अपराधियों के साथ बंद हैं, जो कि रेप, हत्या और डकैती जैसे कई गंभीर मामलों में शामिल हैं। ऐसे में उनकी जान को खतरा है।
वहीं केजरीवाल की ओर से इस मामले की सुनवाई के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने ही जनहित याचिका को पूरी तरह से अस्वीकार्य और गुमराह करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता छात्र अदालत को एक राजनीतिक मंच के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
वहीं कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन ने याचिकाकर्ता छात्र कि खिंचाई करते हुए पूछा कि क्या उसकी लॉ स्कूल में उपस्थिति अच्छी है। कोर्ट ने कहा कि लगता है कि वह कानून के सिद्धान्तों का पालन नहीं करते हैं। अपने फैसले में अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता का भारत के लोगों का संरक्षक और प्रतिनिधि होने का दावा बिना किसी आधार के है।
कोर्ट ने कहा, “इस याचिका में सबसे अजीब बात ये है कि याचिकाकर्ता ने केजरीवाल के पक्ष में निजी मुचलके को आगे बढ़ाने की पेशकश की है, साथ ही यह वादा किया है कि केजरीवाल गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।”
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