गर्मी का मौसम आते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। कुछ में मानवीय गलतियां होती हैं तो कुछ प्राकृतिक कारणों से होती हैं। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के खत्म होते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जंगल में आग लगने की घटना को लेकर वन विभाग के अधिकारियों को अपने कार्यालय में तलब कर पहाड़ों में लगी जंगल की आग को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। इसके साथ ही उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
सीएम धामी ने बैठक में कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान हेलीकॉप्टर से जंगल में लगी आग भयावह रूप धारण किए हुए दिखाई दी, जिस पर वन विभाग के अधिकारियों को सूचना भी दी गई। धामी ने सभी डीएफओ के साथ वर्चुअल बैठक करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में कहा कि गर्मियों के चार महीने वनाग्नि की दृष्टि से हमारे लिये चुनौतीपूर्ण हैं। इन महीनों में अधिक से अधिक सतर्क रहते हुये पूरा प्रयास किया जाए कि वनाग्नि की घटनाये न के बराबर हों। उन्होंने कहा कि जैसे ही वनाग्नि घटना की सूचना मिलती है,उस पर तुरंत कार्यवाई होनी चाहिए तथा जिसका रिस्पॉन्स टाइम कम से कम होना चाहिए।
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मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को वनाग्नि की रोकथाम के सम्बन्ध में निर्देश दिये कि स्थानीय स्तर पर प्रभारी वनाधिकारी के स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाये, हेल्पलाइन नम्बर तथा टोल फ्री नंबर जारी करते हुए, उनका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों में जागरूकता लाई जाये। जहां आग लगी है उसे बुझाने के लिए डीएफओ खुद मौके पर जाकर हालात का जायजा लें।
मुख्यमंत्री धामी ने ये भी निर्देश दिये हैं कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी सम्बंधित विभाग आपसी तालमेल स्थापित करना सुनिश्चित करें तथा इस कार्य में स्थानीय लोगों, जन-प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों आदि का भी सहयोग लिया जाये। मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में भी आग लगने की घटनाएं होती हैं, उसके लिये सम्बंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
आग लगाने वालों पर होगा एक्शन
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर कोई भी व्यक्ति जानबूझकर जंगलों में आग लगाने की घटना में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही बैठक में पिरुल का उपयोग किये जाने तथा आबादी क्षेत्रों में बंदरों के आने की घटना को रोकने पर भी चर्चा की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव आर. के.सुधांशु ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को राज्य का कुल कितना क्षेत्र वनों से ढका है, कौन-कौन से वन क्षेत्र अति संवेदनशील व संवेदनशील हैं तथा आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिये क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान प्रमुख वन संरक्षक डॉo अनूप मालिक, प्रमुख वन संरक्षक (पंचायत) डॉo धनंजय मोहन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते सहित वर्चुअल रूप से सभी वनाधिकारी तथा सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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