गुलफाम और संगीता के निकाह की दावत से हिंदू समाज रह गया दंग

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अरुण कुमार सिंह

 

दिल्ली में मुसलमान युवक गुलफाम और हिंदू युवती संगीता की दावत पार्टी से हिंदुओं में रोष। विरोध के बाद फिलहाल यह दावत रुक गई है।

गत 19 अप्रैल को जब कर्नाटक में लव जिहाद के विरोध में हिंदू संगठनों के लोग सड़कों पर उतरे थे, ठीक उसी समय दिल्ली में एक दावत का निमंत्रण कार्ड सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुआ। अंग्रेजी में प्रकाशित उस कार्ड को जिस हिंदू ने भी देखा, वही दंग रह गया। दरअसल, उस कार्ड के अनुसार आज यानी 20 अप्रैल को मुसलमान युवक गुलफाम और हिंदू युवती संगीता के निकाह की दावत दी जा रही है। जैसे ही यह कार्ड वायरल हुआ, वैसे ही हिंदू समाज में हड़कंप मच गया। हिंदू संगठनोें के कार्यकर्ता सक्रिय हुए और उन्होंने लड़की के घर वालों से बातचीत की। इसका असर यह हुआ कि फिलहाल दावत का यह कार्यक्रम रुक गया है। भले ही दावत का कार्यक्रम रुक गया है, लेकिन दोनों ने पहले ही ‘कोर्ट मैरिज’ कर रखी है। इसलिए लोग कह रहे हैं कि आज नहीं तो कल यह कार्यक्रम हो ही जाएगा।
गुलफाम शाहाबाद डेयरी में रहने वाले महबूब खान और शकरून निशा का बेटा है। इस मुस्लिम दंपति ने बड़े गर्व के साथ दावत के कार्ड को हिंदू समाज में भी बांटा है। महबूब खान आजमगढ़ का रहने वाला है। उसका बेटा गुलफाम शाहाबाद डेयरी के मुख्य बाजार में कपड़े की दुकान चलाता है। संगीता की माँ सरस्वती शास्त्री और पिता रामबहादुर शास्त्री सेक्टर 28, रोहिणी में रहते हैं। कहा जा रहा है कि रामबहादुर शास्त्री नेपाल के रहने वाले हैं। पहले ये शाहाबाद डेयरी में ही गुलफाम के पड़ोस में रहते थे। कुछ दिन पहले ही ये रोहिणी आए हैं। यह पभी पता चला है कि गुलफाम और संगीता बचपन से दोस्त हैं। दोनों ने पढ़ाई साथ-साथ की है। इसी का लाभ गुलफाम ने उठाया है। पढ़ाई के दौरान गुलफाम ने संगीता को ऐसी पट्टी पढ़ाई कि वह उसके साथ निकाह के लिए तैयार हो गई। यह भी कहा जा रहा है कि पहले संगीता के परिवार वालों ने इस निकाह का विरोध किया था, लेकिन बेटी की जिद के सामने उनकी एक नहीं चली। दोनों परिवारों की सहमति से ही दावत दी जा रही थी।

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