ईरान ने इजरायल पर 300 से अधिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला तो कर दिया। लेकिन अब उसकी घिग्घी बंधी हुई है। उसे इजरायली पलटवार का खतरा सता रहा है। इसी डर के कारण उसने अपने परमाणु ठिकानों को अस्थायी तौर पर पहले बंद कर दिया। इसके बाद 24 घंटे के भीतर इसे फिर से एक्टिवेट कर दिया। इस बात की पुष्टि इंटरनेशनल परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रासी ने की है।
उन्होंने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बात करते हुए सोमवार को इसकी पुष्टि की। ग्रासी ने बताया कि पिछले रविवार को सुरक्षा कारणों के चलते ईरान ने अपने एटॉमिक फैसिलिटी को बंद कर दिया था। हालांकि, अब उन्हें दोबारा एक्टिवेट कर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने इन परमाणु ठिकानों से अपने निरीक्षकों को दूर रहने की सलाह दिया है।
दरअसल, ग्रासी इजरायल के साथ ईरान के बढ़ते तनाव को लेकर चर्चा कर रहे थे। दुनियाभर के विशेषज्ञों को इस बात का डर सता रहा है कि दोनों देशों के बीच का ये तनाव कभी भी पूर्ण युद्ध का रूप ले सकता है। लेकिन, इस सब के बीच ग्रासी का ईरान के परमाणु ठिकानों को लेकर दिया गया बयान कई सवाल खड़े कर रहा है। सवाल ये कि क्या ईरान को इस बात का डर सता रहा है कि इजरायल उसके परमाणु ठिकानों पर हमले कर सकता है? अगर ईरान ने सुरक्षा कारणों से अपने परमाणु सुविधाओं को बंद किया था, तो फिर 24 घंटे के अंदर ही उसे दोबारा से एक्टिवेट क्यों किया?
सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या ईरान ने ‘परमाणु बम’ बनाने की क्षमता को पूरी तरह से हासिल कर लिया है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि इजरायल पर हमले बाद हाल ही ईरान ने परमाणु बम को लेकर बात की थी।
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परमाणु बम बनाने के काफी करीब है ईरान
गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में IAEA ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उसने ये दावा किया था कि ईरान परमाणु बम बनाने के काफी करीब है। उसने यूरेनियम को 87.8 प्रतिशत तक संवर्धित कर लिया है। परमाणु बम बनाने के लिए 90 फीसदी संवर्धित यूरेनियम की आवश्यकता होती है। अब IAEA महासचिव ने कहा है कि इस बात के पुख्ता तथ्य हैं कि ईरान ने बहुत ही हाई क्वालिटी के संवर्धित यूरेनियम का संचय कर लिया है। हालांकि, इसका अर्थ ये कतई नहीं होता है कि आपके पास हथियार आ गए हैं।
इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी द्वारा पिछले महीने प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ईरान नटानज़ के पास गहरे अंडरग्राउंड परमाणु स्थल के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसको लेकर फ़ाउंडेशन फ़ॉर डिफेंस ऑफ़ डेमोक्रेसीज़ के सीईओ मार्क डुबोविट्ज़ का कहना है कि यह ईरानी परमाणु हथियार बनाने की सुविधा इज़रायली और शायद अमेरिकी बमों के लिए भी अभेद्य हो सकती है।
ईरान को लेकर इन रिपोर्ट्स से ऐसा प्रतीत होता है कि ईरान ने परमाणु बम बनाने के लिए जरूरी 90 फीसदी संवर्धित यूरेनियम को शायद हासिल कर लिया है और वह जल्द ही परमाणु परीक्षण कर सकता है।
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