कोलकाता। संदेशखाली आंदोलन का मुख्य चेहरा रहीं रेखा पात्रा को भाजपा ने बशीरहाट से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। उनका कहना है कि उन्हें कई तरह से धमकियां मिल रही हैं। तृणमूल के गुंडे अब भी घर-घर जाकर धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है। जिस तरह से संदेशखाली में अभी भी डर का माहौल बनाया जा रहा है, लोग शांति से मतदान नहीं कर पाएंगे।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली में शाहजहां शेख और सहयोगियों द्वारा वर्षों तक महिलाओं की यौन उत्पीड़न और जमीन पर कब्जा करने के आरोपों की जांच का आदेश सीबीआई को दिया है। इस आदेश का स्वागत रेखा पात्रा ने किया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश से राहत मिली है। आम लोग इस बार चैन की सांस ले सकते हैं। मैं चाहती हूं कि हर कोई शांति से रहे। बशीरहाट केंद्र में सभी लोग शांतिपूर्वक मतदान करें।
रेखा ने कहा कि संदेशखाली की महिलाएं अब सभी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकती हैं। उन्होंने धमकी देने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि बंगाल की महिलाएं जानती हैं कि अपने खिलाफ अत्याचार का मुकाबला कैसे करना है। आवश्यकता पड़ने पर फिर से लाठी डंडा लेकर सड़कों पर उतर जाएंगी।
अत्याचार के खिलाफ आवाज की बुलंद
रेखा पात्रा संदेशखाली में तालाब से घास उखाड़ने और साफ-सफाई का काम करती थीं। टीएमसी के नेता रहे शेख शाहजहां के करीबी उत्तम सरदार ने उन्हें टीएमसी के दफ्तर में बुलाया। जब वह वहां पहुंची तो वहां पहले से मौजूद शिव प्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार ने उसके साथ गैंगरेप किया। कुछ दिनों के बाद रेखा पात्रा को उत्तम सरदार ने दोबारा से बुलाया तो उन्होंने मना कर दिया। इस पर उत्तम सरदार ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। उसी दौरान ईडी ने पीडीएस घोटाले के मामले में शेख शाहजहां के खिलाफ रेड की थी। इससे रेखा की हिम्मत जगी और उन्होंने पुलिस में केस दर्ज कराया। रेखा पात्रा वह पहली पीड़ित हैं, जिन्होंने इस अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद की। इसके बाद कई सारी पीड़िताएं सामने आईं। भाजपा ने रेखा पात्रा को बशीरहाट से टिकट दिया है।
(इनपुट- सिंडिकेट फीड)
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